मध्यप्रदेश में संचालित हो रहे फर्जी नर्सिंग कॉलेजों पर मानव अधिकार आयोग का चाबुक चलने वाला है ।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन के चार मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से प्रतिवेदन मांगा है। जिनमे मुख्य रूप से फर्जी नर्सिंग कॉलेजों पर ध्यान दिया गया है ।
सरकारी रिकार्ड में प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों के दो हजार अस्पतालों में एक लाख से ज्यादा बेड,
ये हकीकत में होते, तो नहीं भटकते मरीज
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प्रदेश में बेकाबू हो चुके कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल फुल है, संकट के इस दौर में प्रदेश के करीब दो हजार नर्सिंग होम संजीवनी साबित हो सकते थे। यदि कागजों में मौजूद ये नर्सिग होम और इनके एक लाख से ज्यादा बेड हकीकत में होते। ये वो नर्सिग होम है, जिन्हें नर्सिंग कॉलेजों ने अपनी मान्यता के लिये भरा पूरा बताया था। अब हालात देखकर सरकार को भी इन नर्सिंग कॉलेजों से संबद्ध नर्सिंग होम्स की याद आई है और सरकार ने पूछा है कि अस्पताल और बेड कहां है ? एक प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित इस ग्राउंड रिपोर्ट पर त्वरित संज्ञान लेकर आयोग ने मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय से 10 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से यह भी पूछा है कि नर्सिंग कॉलेजों के दो हजार अस्पतालों में एक लाख से ज्यादा बेड की हकीकत/वास्तविकता क्या है ? साथ ही यह भी पूछा है कि इन कालेजों/अस्पतालों का निरीक्षण यदि किसी अधिकारी या संस्था ने किया है, तो उसकी जांच रिपोर्ट में क्या उल्लेखित किया गया है ?
ज्ञात हो कि यदि बारीकी से जांच की जाए तो प्रदेश में दर्जनों की संख्या में फर्जी नर्सिंग कॉलेज निकलेंगे जहां मान्यता से लेकर पास फेल कराने और भी कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आएगी ।
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