मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर (Junior Doctor) के बाद अब नर्सिंग कर्मचारियों (Nursing Staff Strike) ने हड़ताल की चेतावनी दी है. नर्सिंग कर्मचारी 10 जून से चरणबद्ध तरीके से अपना आंदोलन शुरू करेंगे. अगर इस बीच उनकी मांगों को नहीं माना गया तो 24 जून से नर्सिंग कर्मचारी काम बंद कर देंगे. कर्मचारी 8 मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे. अब अगर हजारों की संख्या में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो स्वास्थ सुविधाओं पर उसका बड़ा असर पड़ सकता है.
स्वास्थ्य विभाग अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कौरव ने बताया कि मंगलवार को सुल्तानिया अस्पताल के गेट पर नर्सिंग कर्मचारियों ने मीटिंग कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की, कल से काली पट्टी बांधकर यह कर्मचारी काम करेंगे. इसके बाद 10 जून से अपनी मांगों के लेकर चरणबद्ध तरीके से हर दिन विरोध दर्ज कराएंगे. नर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने उनकी सालों पुरानी मांगों को नहीं माना तो सभी सरकारी अस्पतालों में 24 जून से वह काम बंद कर देंगे. इस हड़ताल से सरकारी अस्पतालों पर असर पड़ेगा. सरकारी अस्पतालों में वार्ड के अंदर मरीजों की पूरी देखभाल की जिम्मेदारी नर्सिंग कर्मचारियों की होती है.
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ये है नर्सिंग कर्मचारियों की मुख्य मांग
1- नर्सेस कर्मचारियों का केंद्र और दूसरे राज्यों की तरह नाम परिवर्तित किया जाए. स्टाफ नर्स को नर्सिंग ऑफिसर और नर्सिंग सिस्टर को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर बनाया जाए.
2- डिप्लोमा, डिग्री धारी नर्सेस कर्मचारियों को तीन, चार विशेष वेतन वृद्धि चिकित्सा महाविद्यालय और रीवा में दी गई है, जबकि प्रदेश में ही अन्य चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत नर्सेस कर्मचारियों को नहीं दी जा रही है. शेष चिकित्सा महाविद्यालयों के नर्सेस कर्मचारियों को तीन और चार वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए.
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