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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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 स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया, मंत्रियों के सुझाव पर विचार करने के अलावा आम लोगों से भी फीडबैक लिया जा रहा है। इसके लिए अंतिम तारीख 30 जून तय की गई है। स्पष्ट है कि स्कूल-कॉलेजों को खोलने का निर्णय अगले माह के पहले सप्ताह में लिया जा सकता है। यह भी बताया की प्रदेश में करीब एक हजार सीएम राइज स्कूल शुरू किए जाएंगे। अगामी शिक्षा सत्र में 350 स्कूलों का चयन किया गया है। इसमें ट्राइबल व सामान्य व जिला, ब्लाॅक का विभाजन किया है। नगर निगम क्षेत्र है, तो जहां स्कूल नहीं है, उसको भी शामिल किया जा रहा है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को खतरा ज्यादा है। इसे ध्यान में रखकर तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टाफ के अलावा बच्चों के पेरेंट्स को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

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उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव ने बताया कि आत्मनिर्भर बनाने के लिए 50 से ज्यादा काॅलेजों का भवन निर्माण कराया जाएगा। रोजगार मूलक कोर्स शुरू किए जाएंगे। विश्वविद्यालयों को यह स्वायत्तता दी जाएगी कि वह मेडिकल एजुकेशन व रोजगार परक कोर्स शुरू करें। कोरोना मुक्ति अभियान में कॉलेजों के स्टूडेंट शामिल होंगे।
 
इधर आज 15 जून से विश्वविद्यालय यूजी फाइनल ईयर की परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। 48 हजार विद्यार्थियों का परीक्षा के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। सोमवार को परीक्षा को लेकर अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लिया। आईटी टीम को भी पेपर अपलोड करने को लेकर निर्देश दिए है। बीए, बीएसडब्ल्यू, बीए इन जर्नलिज्म और बैचलर इन लाइब्रेरी साइंस के पेपर सुबह नौ बजे तक वेबसाइट पर जारी होंगे। विश्वविद्यालय ने सारे कॉलेजों को पेपर की लिंक अपनी-अपनी वेबसाइट पर भी दर्शाने को लेकर निर्देश दिए है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।