Indore News – इंदौर का स्वच्छता मॉडल देखने आए उप्र के मंत्री डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी

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Indore News . दो दिन पहले इंदौर आए उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने शुक्रवार को स्वच्छता मॉडल देखा। उन्होंने जमकर तारीफ करते हुए इस मॉडल को उप्र में भी लागू करने की इच्छा जताई। साथ ही कहा उप्र को इंदौर से बहुत कुछ सीखना होगा। इंदौर नगर निगम को लोगों का विश्वास मिल चुका है। यही कारण है कि सड़कों-चौराहों पर कहीं कचरा नजर नहीं आता।

उन्होंने निगम आयुक्त प्रतिभा पाल से मुलाकात कर जानना चाहा कि किस तरीके से इंदौर में स्वच्छता का पैमाना लागू किया गया। आखिर ऐसी क्या वजह और व्यवस्थाएं हैं, जिनके आधार पर इंदौर लगातार स्वच्छता के क्षेत्र में सिरमौर बना हुआ है। इंदौर का स्वच्छता मॉडल क्या है और कैसे काम करता है। निगमायुक्त ने बताया इंदौर में सफाई को लेकर सबसे बड़ी जागरूकता लोगों में है। इसी कारण से चार बार अव्वल रहा इंदौर अब स्वच्छता में पांचवीं बार भी नंबर-1 आने का दावा कर रहा है।

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मंत्री ने इसके साथ ही कोरोना की तैयारियों पर भी बात की। निगमायुक्त ने बताया कि इंदौर के लोग न सिर्फ निगम का पूरी तरह से सहयोग करते हैं, बल्कि कचरे का शुल्क भी चुकाते हैं। इंदौर 80 प्रतिशत तक कचरा शुल्क की रिकवरी कर चुका है। मंत्री ने बताया इंदौर की तरह ही मेरठ भी कोरोना की दूसरी लहर में नं. 1 पर आ गया था। अब दोनों ही शहर तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में हैं। इंदौर के मॉडल से मेरठ के साथ ही पूरे उप्र को सीखने की जरूरत है। वे सारी जानकारियां सरकार के समक्ष रखेंगे।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।