National News: देश के किसानों को बड़ा झटका लगने जा रहा है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली 9वीं किश्त जारी कर दी है वही दूसरी तरफ 42 लाख अपात्र किसानों से 3000 करोड़ की सू शुरु कर दी गई है। इसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक सवाल के उत्तर में दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पीएम किसान योजना के लिए लाभार्थियों का चयन और पहचान राज्य व केंद्र शासित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है पीएम किसान योजना के अपात्र लाभार्थियों के खातों में डाली गई रकम की वसूली की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। 42 लाख पा किसानों से 3000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने कार्यवाही शुरू कर दी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पीएम किसान योजना की संरचना में आधार और PFMS/आयकर डेटाबेस सहित विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा लाभार्थियों के डेटा के निरंतर सत्यापन के आधार पर त्रुटियों को बाहर करने के लिए तंत्र शामिल है। कृषि मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ आयकर दाताओं सहित अपात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। ऐसे अपात्र लाभार्थियों की पहचान के बाद, संबंधित राज्य और संघ राज्य क्षेत्र सरकार ने अपात्र लाभार्थियों से धन की वसूली के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार धन की वसूली की प्रक्रिया शुरू की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 9219 अपात्र किसानों की सूची कृषि विभाग को भेजी है। विभाग ने इन अपात्र किसानों को नोटिस जारी कर पीएम किसान का पैसा जमा कराने के आदेश दिए हैं। इसके तहत अपात्र किसानों को उप कृषि निदेशक कार्यालय में नकद जमा कर उन्हें रसीद दी जाएगी। इसके बाद में विभाग शासन के खाते में ये धनराशि जमा कर ऑनलाइन पोर्टल पर फीडिंग के साथ ही किसान का डाटा डिलीट कराएगा | इन अपात्र किसानों में पति-पत्नी से लेकर मृतक किसान, टैक्सपेयर्स, पेंशनधारक, गलत खाते में धनराशि फंड ट्रांसफर, गलत आधार आदि मामले शामिल हैं।
गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत रजिस्टर्ड किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष की आर्थिक मदद दी जाती है, जिसमें किसानों बैंक खातों में हर चार माह में 2000 रुपये की 3 किस्तों के रूप में कुल राशि दी जाती है। इसके तहत केंद्र सरकार 2 हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को सालाना 6000 रुपये देती हैं। जो किसान इनकम टैक्स देते हैं या सरकारी कर्मचारी हैं या फिर डॉक्टर, इंजीनियर, सीए और जो कर्मचारी पेंशन लेते हैं। जिसकी रकम 10,000 से ज्यादा हो, वे इस योजना से बाहर है।