National News – केंद्र सरकार रिटायरमेंट की उम्र को लेकर बड़ी तैयारी में, जानिए यहां

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National News: देश में रिटायरमेंट के उम्र सीमा को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल केंद्र सरकार की इकोनामिक एडवाइजरी काउंसिल ने एक ऐसा प्रस्ताव जारी किया है। जिसमें सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा को बढ़ाने की बात कही गई है। मामले की दलील देते हुए इकोनामिक एडवाइजरी काउंसिल ने कहा है कि आने वाले समय में देश में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ेगी। जिसको देखते हुए सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाई जानी चाहिए ।
दरअसल प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इस मामले में इकोनामिक एडवाइजरी काउंसिल भारत देश में इंफेक्शन की वजह से आने वाले वक्त में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा सकती है। मामले में आर्थिक सलाहकार परिषद का कहना है की पिछली पीढ़ी के मुकाबले बेहतर हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण बुजुर्गों के जीवन काल में बढ़ोतरी जारी रह सकती है जिसके बाद बुजुर्ग लोगों को उनकी पिछली पुरी के मुकाबले ज्यादा समय तक काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कामकाजी उम्र की आबादी को बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की जरूरत है। वही रिटायरमेंट की उम्र को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाना चाहिए । इकोनामिक एडवाइजरी काउंसिल का कहना है कि भारत युवाओं का देश है और यहां कामकाजी युवाओं की बहुत ज्यादा बड़ी आबादी है।
इस मामले में परिषद के अध्यक्ष विवेक देवराय ने जारी रिपोर्ट में कहा कि सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने से कर्मचारी की जरूरत और नौकरियों की उपलब्धता से समझौता भी नहीं करना पड़ेगा और साथ ही बुजुर्ग लोगों के रोजगार के मौके भी जारी होते रहेंगे। रिपोर्ट में कहा गया कि 50 साल से ऊपर के बुजुर्गों के स्किल डेवलपमेंट को बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए। जिससे 50 वर्ष से ऊपर के लोगों का कौशल विकास किया जा सके।
वही रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा बुजुर्गों की संख्या फिलहाल राजस्थान जिले में है। जिसके बाद महाराष्ट्र और बिहार में इसकी आबादी अव्वल दर्जे पर है। वहीं उत्तराखंड, हरियाणा सहित अन्य राज्यों में भी बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मामले में आंकड़ों की माने तो 2019 में भार की कुल आबादी का 10 फीसद हिस्सा 60 वर्ष की आयु से अधिक के लोग थे। जबकि 2050 में यह आंकड़ा दुगना होने के अनुमान जताया गए हैं।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।