देश में ओमिक्रोन के खतरे के बीच ICMR और NIV ने मिलकर कोरोना टेस्टिंग के लिए नई किट डेवलेप की है, जो 30-40 मिनट में रिजल्ट बता देगी। इस किट को ICMR और NIV की मुंबई यूनिट के वैज्ञानिक और उनकी टीम विकसित किया है।
बता दें कि इस रैपिड कोविड टेस्ट की नई किट के इस्तेमाल से कोरोना टेस्ट की लागत में 40% तक की कमी आएगी। अगले 2 हफ्ते के अंदर एयरपोर्ट्स और दूसरी जगहों पर इसका इस्तेमाल भी शुरू हो जाएगा। ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरों को देखते हुए इस किट का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कहा गया है।
ओमिक्रोन का भी पता लगाएगी नई किट
वैज्ञानिक डॉ श्यामसुंदर नंदी और उनकी टीम ने इस किट के प्रोडक्शन पर काम और तेज कर दिया है। ये किट RT-PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली किट के मुकाबले काफी सस्ती होगी। इसके इस्तेमाल के लिए जटिल प्रयोगशाला उपकरणों की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा इस किट को लेकर बहुत अच्छी बात ये है कि ये कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का भी पता लगा सकती है। इसके अलावा इस किट से टेस्ट किए गए सैंपल और RT लैंप किट से टेस्ट किए सैंपल का रिजल्ट 100 फीसदी मेल खाया है।
किट को बनाने वाली टीम में कौन-कौन
आपको बता दें कि इस किट को बनाने वाली टीम में ICMR-NIV मुंबई यूनिट के वैज्ञानिकों में डॉ श्यामसुंदर नंदी, डॉ उपेंद्र लांबे, सोनाली सावंत, तृप्ति गोहिल और डॉ जगदीश देशपांडे शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये जांच किट सभी हवाई अड्डों पर ओमाइक्रोन के संदिग्ध मरीजों का आसानी से पता लगा सकती है। स्वैब एकत्र करने के बाद परिणाम प्राप्त करने में केवल 30 से 40 मिनट का समय लगता है।
कितनी लागत आएगी नई किट पर
आपको बता दें कि अभी देशभर में किसी भी एयरपोर्ट पर होने वाले एक टेस्ट पर 3900 रुपए से लेकर 6000 रुपए तक की लागत आती है। वहीं नई किट के इस्तेमाल से ये लागत 3000 रुपए हो जाएगी। यह पोर्टेबल RT LAMP परीक्षण किट आसानी से हवाई अड्डों, रेलवे और बस स्टेशनों, आपातकालीन विभागों, चिकित्सक क्लीनिकों और अन्य कम-संसाधन सेटिंग्स में उपयोग में लाई जा सकती है।