इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 7 घंटे तक कलेक्टर-कमिश्नर कान्फ्रेंस ली और इसके बाद वे विवाह समारोह में शामिल होने इंदौर भी आए।
भू माफियाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई में इंदौर एक बार फिर अव्वल रहा। दिसम्बर के महीने में ही कलेक्टर मनीष सिंह ने 10 प्रकरणों में 15 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन भू माफियाओं के चंगुल से छुड़वाई, जिसकी कीमत 135 करोड़ रुपए होती है। जबलपुर, भोपाल व अन्य जिले इंदौर के बाद रहे। वहीं राशन, मिलावटखोर, अवैध शराब व अन्य प्रकरणों में भी इंदौर ने बाजी मारी।
मुख्यमंत्री लगातार माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को देते रहे हैं। बीते सालभर में इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने गृह निर्माण संस्थाओं से जुड़े माफिया के अलावा सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करवाई।
पूरे प्रदेश में भूमाफिया के खिलाफ 779 प्रकरण दर्ज होने की जानकारी अधिकारियों ने दी। इसमें इंदौर जिला अव्वल रहा। 76 प्रकरण नवम्बर-दिसम्बर के महीने में दर्ज करवाए गए और 135 करोड़ की सरकारी जमीन मुक्त भी करवाई।
इतना ही नहीं, नशे के कारोबारी, मिलावटखोर और अन्य के अवैध निर्माणों को भी तुड़वाया गया। अभी महिला उत्पीड़न के एक चर्चित मामले में भी सेक्स एडिक्ट आरोपी का मांगलिया स्थित फार्म हाउस कलेक्टर ने जमींदोज करवाया। इसी तरह 33 प्रकरण अवैध खनिज में भी किए और 12 लाख से अधिक का जुर्माना आरोपित किया।
4 हजार जिलाबदर, तो 638 रासुका में निरुद्ध
विभिन्न आपराधिक प्रकरण में कितने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई उसकी भी समीक्षा मुख्यमंत्री ने की। कानून व्यवस्था पर ही अधिक फोकस रहा। 24 हजार से अधिक आरोपी हत्या, लूट, डकैती व अन्य गंभीर अपराधों में गिरफ्तार किए गए, तो लगभग 4 हजार को जिलाबदर किया गया और 638 रासुका में निरुद्ध हुए। आम्र्स के तहत 13233, जुआ एक्ट में 32 हजार से अधिक प्रकरण बने। वहीं 303 को आजीवन कारावास और 3 को मृत्युदंड की सजा भी मिली।