MP : परिवहन विभाग में रोबोटिक सिस्टम करेगा आपकी मदद,  दलालों से छुटकारा

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जबलपुर. मध्य प्रदेश में एक कमाल होने वाला है. यहां ड्राइविंग लाइसेंस अब रोबोटिक सॉफ्टवेयर बनाएगा. वो हर कदम पर आपकी मदद करेगा. अगर गलती की तो वो आपको फेल भी कर सकता है. और अगर फेल हो गए तो फिर लाइसेंस नहीं बन पाएगा.

जबलपुर में इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. क्या है ये सिस्टम और कैसे करेगा काम, ये जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर. शासन से निर्देश मिलते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा

अब रोबोटिक सॉफ्टवेयर आपका लाइसेंस बनाएगा. परिवहन विभाग ये नया प्रयोग करने जा रहा है. इसकी शुरुआत जबलपुर से होगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर ये काम किया जाएगा. इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया मानव रहित हो जाएगी.

मानव रहित इस प्रक्रिया को जल्द ही परिवहन विभाग अमलीजामा पहनाने जा रहा है. बात जबलपुर की करें तो यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ड्राइविंग मैनुअल के लिए टेस्टिंग ट्रैक तैयार हो चुका है. शासन से निर्देश मिलते ही इसे चालू कर दिया जाएगा.

क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से एक रोबोटिक सॉफ्टवेयर अब आवेदकों का ड्राइविंग टेस्ट लिया करेगा. इस ड्राइविंग टेस्ट में रोबोटिक सॉफ्टवेयर आवेदक की हर एक गलतियों को परखेगा वहीं इमरजेंसी पड़ने पर गाइड भी करेगा.

इसके बाद भी आवेदक कोई गलती करता है तो सिस्टम अपने आप ही उसे फेल कर देगा. ऐसे में आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस मिलना मुश्किल होगा.

टेस्टिंग ट्रैक तैयार
अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ दफ्तर के बार-बार चक्कर लगाना. दलालों के जाल में फंसकर  500 के काम को 5000 में कराना ये  तमाम बातें जल्द ही सिर्फ बातें रह जाएंगी. ऐसा इसलिए क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की सुविधा शुरू होने वाली है. जबलपुर आरटीओ दफ्तर में इसके लिए टेस्टिंग ट्रैक भी तैयार कर लिया गया है.

इसे आठ नंबर यानी 8 डिजिट के आकार पर बनाया गया है. जल्द ही इस टेस्टिंग ट्रैक में तमाम आधुनिक इंस्ट्रूमेंट लगेंगे जिनमें आवेदक को नियमों के मुताबिक गाड़ी चलानी होगी. अगर आवेदक तमाम मापदंडों को पूरा करता है और रोबोटिक सिस्टम में उसकी ड्राइविंग सही पाई जाती है तो उसे तत्काल ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएगा.

ऐसा रहेगा सिस्टम
जबलपुर के परिवहन अधिकारी संतोष पाल बताते हैं कि ये नई सुविधा शुरू हो जाने से आवेदकों को सरल और मानव रहित सुविधा का लाभ मिलेगा. शासन की भी यही मूल मंशा है कि दलालों के जाल से मुक्ति पाकर आवेदक सीधे सरकारी सुविधा का लाभ पा सकें और समय पर उसे ड्राइविंग लाइसेंस मिल सके.

इस मूल मंशा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सुविधा पूरा करेगी. फिलहाल ये सुविधा शुरू नहीं हुई है. लेकिन जल्द इसके शुरू होने का अनुमान है. टेस्टिंग ट्रैक का मुआयना  करते हुए आरटीओ संतोष पाल ने इसकी खासियत के बारे में बतलाया कि कैसे आवेदक रिवर्स, फुल ड्राइव, ब्रेक और ट्रैफिक नियमों का पालन ट्रैक में करेगा. जहां जल्द ही आधुनिक एक्यूप्वाइंट भी लगाए जाएंगे.

 

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