नेशनल लोक अदालत 14 मई को 

sadbhawnapaati
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इन्दौर। इन्दौर जिले में लंबित प्रकरणों के आपसी सुलह समझौते से त्वरित निराकरण के लिये 14 मई को नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई है।
यह लोक अदालत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर सुबोध कुमार जैन के मार्गदर्शन में होगी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनीष श्रीवास्तव के अनुसार इस वर्ष में आयोजित होने वाली द्वितीय नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित मोटर दुर्घटना दावा, सिविल, विद्युत चोरी से संबंधित, चैक बाउन्स, भरण पोषण, घरेलू हिंसा, श्रम प्रकरण एवं राजीनामा योग्य दांडिक/आपराधिक प्रकरणों एवं प्री लिटिगेशन मामलों का निराकरण आपसी समझौतों के आधार पर किया जायेगा। यह प्रकरण निराकरण के लिये गठित खंडपीठों में भेजे जायेंगे।

सचिव श्रीवास्तव के अनुसार लोक अदालत में ऐसे प्रकरणों को रखा जाता है, जिनमें पक्षकारों के बीच समझौते की संभावना हो, ऐसे पक्षकारों को लोक अदालत की खंडपीठ द्वारा समझाइश दी जाती है और समझाइश के फलस्वरूप यदि पक्षकारों के मध्य राजीनामे की सहमति बनती है, तो पक्षकारों के मध्य तय शर्तो के अनुसार राजीनामा न्यायालय के समक्ष हो जाता है।
लोक अदालत में आपसी राजीनामे के आधार पर प्रकरणों के निराकरण की दशा में पक्षकारों के मध्य संबंध मधुर बने रहते है, वहीं न्यायालय से गुण-दोषों के आधार पर फैसले के आधार पर कोई-न-कोई पक्ष असंतुष्ट रह जाता है, जो न्यायालय में फैसले के विरूद्ध वरिष्ठ न्यायालय में कार्यवाही करता है और अदालती कार्यवाही में पक्षकारों का पैसा और समय दोनों ही खर्च होता है।

लोक अदालत में मामले का निराकरण समझौते के आधार पर होने पर पैसे और समय दोनों की ही बचत होती है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर ऐसे सभी पक्षकारों जिनके चेक बाउन्स के मामले न्यायालयों में लंबित है, जिसमें वे फरियादी/अभियुक्त के रूप में पक्षकार है तथा ऐसे सभी पक्षकार, जिन्हें वाहन दुर्घटना के फलस्वरूप चोटें कारित हुई है या उनके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो गई है तथा ऐसे पक्षकार जिनके विरूद्ध कोई राजीनामा योग्य दीवानी या आपराधिक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, जिनमें वे राजीनामा करना चाहते हो या सुलहवार्ता के फलस्वरूप जिनमें राजीनामा की संभावना हो से अपील की गई है कि वें जिस न्यायालय में उनका मामला लंबित है, उस न्यायालय में राजीनामा के संबंध में वार्ता हेतु उपस्थित होकर 14 मई, 2022 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में अपने प्रकरण का निराकरण करा सकते हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने सभी अधिवक्तागणों से भी अपील की है कि यदि उनके पक्षकार किन्हीं लंबित प्रकरणों में राजीनामा करना चाहते हैं, तो वे उन्हें लेकर लोक अदालत की खण्डपीठों में सुलहवार्ता हेतु उपस्थित हो सकते है।
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