बड़ा बनने के लिए विनम्रता जरूरी : पं. शास्त्री
इन्दौर। जीवन में अगर सम्मान पाना है तो सहज, सरल और सजग बनना होता है। जीवन में अहंकार कभी नहीं करना चाहिए। अपनों से बड़ो को हमेशा चरण स्पर्श करना चाहिए। बड़ा व्यक्ति वो ही बनता है जिसमें अपनों से बड़े के प्रति आदर व सम्मान के भाव होते हैं।
उक्त विचार पंडित राजेश शास्त्री ने रविवार को हजारों भक्तों को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। भागवत कथा के तीसरे दिन पं. शास्त्री ने सती चरित्र, शिव विवाह, ध्रुव चरित्र का वर्णन कर सभी भक्तों को भाव विभोर कर दिया।
पं. शास्त्री ने सभी भक्तों को कथा का महत्व बताते हुए कहा कि जीवन मे बड़ा आदमी बनना है तो हमें बड़ों के साथ-साथ छोटों का भी आदर व सम्मान करना चाहिए।
हम हमारे जीवन में जितनी विनम्रता अपनाऐंगे उतना ही हम सभी के दिलों में जगह पाएंगे। विनम्रता ही वह शक्ति हैं जिससे हम दुश्मन को भी अपना मित्र बना सकते हैं।
नर्मदा सेवा बस्ती में जारी भागवत कथा के तीसरे दिन हजारों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने शामिल होकर कथा का रसपान किया। हिन्दू युवा संगठन से जुड़े एकलव्य सिंह गौड़ एवं निर्मल पाटीदार ने बताया कि 75 वे स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित भागवत कथा में मातृ शक्तियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई।
वहीं श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर रामेश्वर जिला के सरसंघचालक कमलेश वाजपेयी, संदीप दुबे, जीतू जिराती, नारायण पटेल, शिवा ढि़ंगू, माखन मंडले एवं पाटीदार परिवार द्वारा व्यासपीठ का पूजन किया गया।
आज राम-चरित्र और कृष्ण जन्मोत्सव
हिंदु युवा संगठन एवं भागवत कथा आयोजक निर्मल पाटीदार ने बताया कि सुदामा नगर नर्मदा सेवा बस्ती में जारी भागवत कथा में सोमवार 23 मई को राम चरित्र एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग होगा।
जिसमें कलाकारों द्वारा चरित्र-चित्रण की प्रस्तुति दी जाएगी। कथा प्रतिदिन दोपहर 3 से 6 बजे तक होगी।
श्रीमद् भागवत कथा में 24 को श्री कृष्ण बाललीला, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग, 25 को श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह, 26 को परीक्षित मोक्ष एवं श्रीमद् भागवत पूजन के साथ ही 27 मई शुक्रवार को पूर्णाहुति के साथ भागवत कथा का समापन होगा।
वहीं समापन अवसर पर महाप्रसादी का आयोजन होगा। जिसमें हजार भक्त महाप्रसादी का लाभ लेंगे।