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MP News in Hindi-1
सड़क आयोग का गठन किया जाए
प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों के जिम्मेदार कौन?
जबलपुर। मध्यप्रदेश में अभी बारिश का दौर जारी है और ८ हजार किलोमीटर सड़के खस्ताहाल हो गई है जिनकी मरम्मत हेतु विभिन्न निर्माण एजेंसियों द्वारा ३ अरब रुपए से अधिक की मांग सरकार से की है इस नुकसान हेतु जिम्मेदार कौन है उपरोक्त आरोप लगाते हुए नागरिक उपभोक्ता मंच के सदस्यों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सड़क आयोग का गठन करने की मांग की है।
मनीष शर्मा प्रांतीय संयोजक नागरिक उपभोक्ता मंच ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में लगभग ७० हजार किलोमीटर लंबी सड़के है जिसमे से ८० हजार किलोमीटर सड़के खराब गुणवत्ता तथा रख रखाव के अभाव में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। शर्मा ने बताया कि प्रदेश में सड़को के निर्माण की गुणवत्ता तथा रख रखाव में लापरवाही पर निगरानी करने एवम इसकी शिकायत करने हेतु कोई भी एजेंसी नही है अतः सरकार को पत्र लिखकर सड़क आयोग गठित करने की मांग हमारे द्वारा की गई है।
याचिका दायर करेंगे…..
मंच के राकेश चक्रवर्ती, सुधीर खरे, मधुबाला श्रीवास्तव, प्रपुâल्ल सक्सेना, संतोष वर्मा, ब्रजेश चतुर्वेदी, आश्रिता पाठक, पवन कौरव, विजय आहूजा, सज्जाद अली आदि सदस्यों ने बताया कि सड़क निर्माण में रोड कांग्रेस के प्रावधानों को नजरंदाज किया जाता है, इन्होंने यह भी बताया कि एनसीआरबी कि रिपोर्ट के मुताबिक खराब सड़को के कारण सड़क दुर्घटनाओं के हजारों मामले मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष होते हैं, मंच ने तय किया है कि यदि हमारी मांग सरकार नहीं मानती तब समस्त मामले को याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाएगा।
मनीष शर्मा प्रांतीय संयोजक नागरिक उपभोक्ता मंच ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में लगभग ७० हजार किलोमीटर लंबी सड़के है जिसमे से ८० हजार किलोमीटर सड़के खराब गुणवत्ता तथा रख रखाव के अभाव में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। शर्मा ने बताया कि प्रदेश में सड़को के निर्माण की गुणवत्ता तथा रख रखाव में लापरवाही पर निगरानी करने एवम इसकी शिकायत करने हेतु कोई भी एजेंसी नही है अतः सरकार को पत्र लिखकर सड़क आयोग गठित करने की मांग हमारे द्वारा की गई है।
याचिका दायर करेंगे…..
मंच के राकेश चक्रवर्ती, सुधीर खरे, मधुबाला श्रीवास्तव, प्रपुâल्ल सक्सेना, संतोष वर्मा, ब्रजेश चतुर्वेदी, आश्रिता पाठक, पवन कौरव, विजय आहूजा, सज्जाद अली आदि सदस्यों ने बताया कि सड़क निर्माण में रोड कांग्रेस के प्रावधानों को नजरंदाज किया जाता है, इन्होंने यह भी बताया कि एनसीआरबी कि रिपोर्ट के मुताबिक खराब सड़को के कारण सड़क दुर्घटनाओं के हजारों मामले मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष होते हैं, मंच ने तय किया है कि यदि हमारी मांग सरकार नहीं मानती तब समस्त मामले को याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाएगा।
MP News in Hindi-2
मप्र पावर जनरेशन कंपनी को हो रहा करोड़ों का नुकसान
प्रमुख सचिव 8 को करेंगे बिजली इकाइयों के खराब प्रदर्शन की समीक्षा
रबी सीजन की बिजली उपलब्धता समेत पांच बिंदु पर होगा फोकस
भोपाल। बिजली उत्पादन इकाइयों में बार-बार आ रही तकनीकी खराबी से उत्पादन बाधित हो रहा है। जिस वजह से मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में रबी सीजन के दौरान बिजली की उपलब्धता पर संदेह बन रहा है। ऐसी तमाम बातों को लेकर प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे आठ सितंबर को मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी की समीक्षा करने जबलपुर जाएंगे। बैठक में पांच बिंदु पर चर्चा होगी। बिजली उत्पादन इकाइयों के प्रदर्शन से जुड़े आकड़ों का अध्ययन खुद प्रबंधन कर रहा है, ताकि समीक्षा बैठक में सारे तथ्य पेश किए जा सके।
समीक्षा बैठक में मप्र पावर जनरेशन कंपनी के सभी विभाग प्रमुखों को बुलाया गया है। उन्हें बैठक के बिंदु पर पूरा जवाब तैयार करके लाने को कहा गया है। बैठक के एक दिन पहले ही सभी को मुख्यालय में बुलाया गया है। श्री संत सिंगाजी ताप गृह में तीन इकाइयां बंद हैं। इसमें तीन नंबर 660 मेगावाट की इकाई में सुधार का कार्य पूरा होने में करीब ढाई माह का वक्त लगेगा। फिलहाल इकाई की टरबाइन खोलकर गुजरात सुधार कार्य के लिए भेजा गया है। वहीं, दो नंबर इकाई 600 मेगावाट क्षमता की यह भी बंद पड़ी हुई है। ऐसे में रबी सीजन से पहले यदि दोनों इकाइयों से बिजली उत्पादन प्रारंभ नहीं हुआ तो प्रदेश को बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। इधर, सिरमौर का हाइड्रल प्लांट से भी बिजली का उत्पादन पहले ही बंद पड़ा हुआ है। इन सभी स्थानों पर तकनीकी खराबी आई है, जबकि करोड़ों रुपये इस इकाइयों के रखरखाव पर खर्च किया गया है।
इन बिंदु पर होगी बात-
इन बिंदु पर होगी बात-
– बिजली उत्पादन इकाइयों के वर्ष 2022-23 में बिजली करार की तुलना में उत्पादन का प्रदर्शन
-इकाइयों का एनर्जी ऑडिट की स्थिति।
-इकाइयों के सालाना रखरखाव के दौरान इकाइयों में हुए कार्य, तय अवधि से विलंब की वजह और प्रदर्शन का आंकलन।
– रबी सीजन के लिए तैयारी
– इकाइयों से जुड़ी अन्य जानकारी
MP News in Hindi-3
प्रदेश में बहुउद्देश्यीय होंगी राशन दुकानें, 100 करोड़ रुपये लगाएगी सरकार
राज्य भंडार गृह निगम बनाएगा 3500 दुकानें, जल्द बुलाई जाएगी निविदा
भोपाल। मध्य प्रदेश की 26 हजार उचित मूल्य की राशन दुकानें अब बहुउद्देशीय होंगी। इन पर उपभोक्ताओं की आवश्यकता का सभी सामान मिलेगा। इसके लिए सहकारिता विभाग ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। उधर, दुकानों को व्यवस्थित रूप देने के लिए राज्य भंडार गृह निगम ने 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इससे 3500 से ज्यादा दुकानें पहले चरण में बनाई जाएंगी। इसके लिए निविदा बुलाने की तैयारी चल रही है। प्रयास यह है कि स्थानीय स्तर पर ही निर्माण एजेंसी मिल जाए। दुकानों में भंडार गृह भी होगा। इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित होने वाला खाद्यान्न तीन माह के लिए भंडारित करके रखा जाएगा।
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रतिमाह उचित मूल्य की दुकानों से पांच करोड़ छह लाख उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरित किया जाता है। इस नेटवर्क का उपयोग ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को शासन की अन्य योजना का लाभ दिलाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत दुकानों को बहुउद्देशीय बनाया जा रहा है। इन दुकानों पर कामन सर्विस सेंटर की स्थापना की जा रही है ताकि आवेदन करने, जाति प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति स्थानीय स्तर पर हो जाए। साथ ही दुकानों पर वे सभी सामग्रियां भी उपलब्ध होंगी, जो दैनिक उपयोग में आती हैं। इसके लिए सहकारिता विभाग प्रक्रिया कर रहा है। वहीं, दुकानों को व्यवस्थित रूप देने के लिए पहले चरण में भंडार गृह निगम 3500 दुकानें बनाएगा। अभी 26 हजार में से करीब 18 हजार दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
बहुत सी पंचायत भवन या अन्य किसी भवन में संचालित हैं। इन्हें व्यवस्थित रूप देने के लिए चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य कराया जाएगा। निगम के प्रबंध संचालक दीपक सक्सेना ने बताया कि दुकान निर्माण में बीस प्रतिशत राशि निगम लगाएगा और 80 प्रतिशत निवेश को लगानी होगी। भूमि शासन की होगी। इसमें एक गोदाम, दो दुकानें बनेंगी। एक दुकान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए होगी और एक निवेशक किराये पर दे सकेगा या स्वयं संचालित करेगा। भंडार गृह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खाद्यान्न रखा जाएगा। इसके बदले में निवेश को प्रतिमाह किराया दिया जाएगा। यह 15 साल तक देय होगा। इसके बाद निर्मित संपत्ति निगम की होगी। इस योजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा और दुकानों को एक स्वरूप भी मिल जाएगा।
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रतिमाह उचित मूल्य की दुकानों से पांच करोड़ छह लाख उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरित किया जाता है। इस नेटवर्क का उपयोग ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को शासन की अन्य योजना का लाभ दिलाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत दुकानों को बहुउद्देशीय बनाया जा रहा है। इन दुकानों पर कामन सर्विस सेंटर की स्थापना की जा रही है ताकि आवेदन करने, जाति प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति स्थानीय स्तर पर हो जाए। साथ ही दुकानों पर वे सभी सामग्रियां भी उपलब्ध होंगी, जो दैनिक उपयोग में आती हैं। इसके लिए सहकारिता विभाग प्रक्रिया कर रहा है। वहीं, दुकानों को व्यवस्थित रूप देने के लिए पहले चरण में भंडार गृह निगम 3500 दुकानें बनाएगा। अभी 26 हजार में से करीब 18 हजार दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
बहुत सी पंचायत भवन या अन्य किसी भवन में संचालित हैं। इन्हें व्यवस्थित रूप देने के लिए चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य कराया जाएगा। निगम के प्रबंध संचालक दीपक सक्सेना ने बताया कि दुकान निर्माण में बीस प्रतिशत राशि निगम लगाएगा और 80 प्रतिशत निवेश को लगानी होगी। भूमि शासन की होगी। इसमें एक गोदाम, दो दुकानें बनेंगी। एक दुकान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए होगी और एक निवेशक किराये पर दे सकेगा या स्वयं संचालित करेगा। भंडार गृह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खाद्यान्न रखा जाएगा। इसके बदले में निवेश को प्रतिमाह किराया दिया जाएगा। यह 15 साल तक देय होगा। इसके बाद निर्मित संपत्ति निगम की होगी। इस योजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा और दुकानों को एक स्वरूप भी मिल जाएगा।
MP News in Hindi-4
18 जिलों में चुनाव की अधिसूचना आज होगी जारी
मतदान 27 सितंबर को शाम पांच बजे तक होगा
भोपाल। मध्य प्रदेश के शेष बचे अठारह जिलों में नगरीय निकायों के चुनाव की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। प्रदेश के 18 जिलों में 46 नगरीय निकायों के चुनाव के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी होगी। प्रदेश के जिन अठारह जिलों में चुनाव होना है उनमें सागर, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, रायसेन, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, आलीराजपुर, झाबुआ और रतलाम जिला शामिल है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन पत्र जमा होने लगेंगे। मतदान 27 सितंबर को सुबह सात से शाम पांच बजे तक होगा। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली यानी पार्षदों के बीच से होगा। कांग्रेस ने चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन समिति का गठन कर दिया है। इसमें जिला इकाई के अध्यक्ष सहित विधायक, पूर्व विधायक और स्थानीय वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया है। संगठन ने निर्देश दिए हैं कि सहमति बनाकर प्रत्याशी का चयन किया जाए और एक नाम ही प्रस्तावित किए जाए। उधर, भाजपा ने भी जिला प्रभारियों को तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।दो चरण में राज्य निर्वाचन आयोग 347 नगरीय निकायों का चुनाव करा चुका है। इस चरण में उन 46 नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव कराए जा रहे हैं, जिनका कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है या फिर नवगठित हैं। प्रदेश कांग्रेस ने सभी 18 जिला कांग्रेस के अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रत्याशी चयन में आम सहमति बनाने का प्रयास करें। इसके लिए जिला और शहर कांग्रेस अध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।इसमें संबंधित क्षेत्र के विधायक के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी, 2018 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी, नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेस के सहयोगी संगठनों के अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस के जिला प्रभारी व सह प्रभारी को सदस्य बनाया है। समिति स्थानीय स्तर पर विचार-विमर्श करके प्रत्याशी चयन करेगी और एक नाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजेगी। प्रदेश स्तर से सहमति मिलने के बाद स्थानीय स्तर पर अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि तीन-चार दिन में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उधर, प्रदेश भाजपा ने भी जिला इकाई और प्रभारियों को चुनाव की तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि पहले दो चरणों के चुनाव में भाजपा को 287 नगरीय निकायों में विजय प्राप्त हुई है। जबकि, कांग्रेस को 54 स्थानों पर सफलता मिली थी।