वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद अब रेलवे करेगा वंदे मेट्रो ट्रेन की शुरुआत – अश्विनी वैष्णव

sadbhawnapaati
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नई दिल्ली।  केंद्रीय बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये अलॉट किया गया है। बजट पेश किए जाने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने  कहा कि वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद अब रेलवे 2024-25 तक वंदे मेट्रो ट्रेन की शुरुआत करने जा रही है।

वैष्णव  ने कहा कि शहरों में 50-60 किलोमीटर  की दूरी तय करने को लेकर वंदे मेट्रो कॉन्सेप्ट लेकर आ रहे हैं। इस साल प्रोडक्शन और डिजाइन का काम हो जायेगा। अगले साल से इसे शुरू करने की योजना है। रेल मंत्री ने बताया कि वंदे मेट्रो 125 से 130 किलोमीटर की रफ्तार के साथ दौड़ेगी। इसका डिजाइन मुंबई सब-अर्बन की तर्ज पर होगा। हालांकि वंदे मेट्रो में टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होगी।

वंदे मेट्रो ट्रेन 1950 और 1960 में डिजाइन किए गए कई ट्रेनों को रिप्लेस करेगा। इसकी डिजाइन से पर्दा अभी नहीं हटा है लेकिन माना जा रहा है कि इसमें सुविधाएं कमोबेश वैसी ही होगी जैसी वंदे भारत ट्रेनों में है। इंजन पूरी तरह से हाइड्रोजन बेस्ड होगी। जिसके कारण प्रदूषण जीरो होगा। वंदे भारत ट्रेन की तरह इस ट्रेन में भी आधुनिक ब्रेक सिस्टम रेड सिग्नल ब्रेक करने से रोकने के लिए कवच सेफ्टी सिस्टम ऑटोमेटिक डोर फायर सेंसर जीपीएस एलईडी स्क्रीन उपलब्ध होगी जो यात्रियों को अगले स्टेशन के बारे में पूर्व सूचित करेगा। इस ट्रेन का किराया बेहद कम होगा ताकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग भी सफर कर सकें।

ट्रेन की टिकट में नो वेटिंग कब तक खत्म हो जाएगी? इस सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा 10 साल पहले हर दिन 4 किलोमीटर  नए ट्रैक बनते थे। आज किलोमीटर हर दिन नए ट्रैक बिछा रहे हैं। अगले साल इसे 16 किलोमीटर तक लेकर जाएंगे। कई दशकों की कमियों को 8 साल में पूरा करने की कोशिश की है। इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत को पूरा करने से ही डिमांड और सप्लाई की खाई घटेगी। इसके बाद ही नो वेटिंग को लेकर कुछ कहा जा सकता है।

बजट में रेलवे ने अपने आय और व्यय का ब्यौरा भी उपलब्ध कराया है। इसने 2023-24 बजट में यात्रियों से 70 हजार करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान लगाया है जो पिछले बजट सत्र में 64 हजार करोड़ था। वहीं माल धुलाई से इस साल 1.79 लाख करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है जो पिछले बजट सत्र में 1.65 लाख करोड़ था।

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