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MP पुलिस एक्ट में संशोधन : निरीक्षकों को पुलिस उप अधीक्षक का प्रभार देने का रास्ता साफ

मैदानी पुलिसकर्मियों (Police) के बाद अब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के लिए प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है. प्रदेश के 160 इंस्पेक्टर्स को डीएसपी (DSP) का पदभार दिया जा रहा है. इन लोगों को अधिकार तो डीएसपी के मिलेंगे, लेकिन तनख्वाह वहीं पुरानी होगी. यानी डीएसपी के वेतन का लाभ इन्हें नहीं मिलेगा.

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश में डीएसपी के 160 रिक्त पदों का प्रभार इंस्पेक्टर यानी टीआई को सौंपा जा सकेगा. उच्च पद का प्रभार सौंपने के लिये मध्य प्रदेश राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया है. पुलिस रेग्युलेशन एक्ट की धारा-45 में 45 (क) को जोड़ा गया है.

मैदानी पुलिस कर्मचारियों को मिला प्रमोशन

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि पुलिस विभाग की कार्य-प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने के लिये सरकार पिछले काफी समय से खाली पड़े पदों का प्रभार जूनियर स्टाफ को सौंपा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके लिये पुलिस रेग्युलेशन एक्ट की धाराओं में सरकार ने संशोधन भी किया है. अभी तक कांस्टेबल स्तर से लेकर सब इंस्पेक्टर स्तर तक के अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार सौंपा जा चुका है. इसी क्रम में अब सरकार डीएसपी के खाली पड़े पदों पर 160 टीआई को पदभार सौंपने जा रही है.

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पावर मिला वेतन नहीं

नरोत्तम मिश्रा ने बताया डीएसपी का पदभार जिन टीआई को दिया जाएगा वो उप पुलिस अधीक्षक की वर्दी सहित उस पद के लिए तय सभी शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा. लेकिन उन्हें वेतन वही पुराना मिलेगा. पदभार ग्रहण करने पर वे उप पुलिस अधीक्षक पद पर वरिष्ठता या वेतन भत्ते का दावा नहीं कर सकेंगे. उन्होंने कहा शीघ्र ही उच्च पद का प्रभार सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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