मध्यप्रदेश के किसानों पर मौसम की मार का सरकार दो फेज में सर्वे करा रही है। पहले फेज में 6 से 9 मार्च के बीच आंधी, पानी और ओले गिरने से 16 जिलों के 3280 गांव में 1.09 लाख किसान की 1.25 लाख हेक्टेयर की फसल नष्ट होने की जानकारी सामने आई है। रही सही कसर 16 से 19 मार्च के बीच बिगड़े मौसम ने पूरी कर दी। शुरुआती सर्वे में 27 जिलों में नुकसान माना जा रहा है। दूसरे फेज में अभी तक की रिपोर्ट में 19 जिलों के 525 गांवों में 33884 किसानों की 38985 हेक्टयर फसल खराब हो गई।
दोनों फेज की प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट की बात करें तो मध्यप्रदेश के साढ़े तीन हजार से ज्यादा गांवों में 1.5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसल को नुकसान हुआ है। शुरुआती सर्वे में जहां ओले पड़े हैं, वहां फसलों को 50 से 85% तक नुकसान माना जा रहा है। विदिशा में सबसे ज्यादा 49883 हेक्टेयर (पहले फेज के सर्वे में 45875, दूसरे फेज में 4008) में फसल को नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा 38078 किसान (पहले फेज में 36073, दूसरे में 2005) भी विदिशा में ही प्रभावित हुए हैं। मंदसौर में सबसे ज्यादा 819 गांव में नुकसान माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 मार्च तक सर्वे पूरा करने को कहा है।
किसानों को राहत राशि के साथ फसल बीमा योजना का लाभ भी मिलेगा
किसानों को राहत राशि के साथ अद्यतन तकनीक से किए गए क्रॉप कटिंग एक्सपरिमेंट के आधार पर फसल बीमा योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। फसलों के नुकसान के अलावा पशुहानि के लिए बढ़ी हुई राशि के अनुरूप राहत प्रदान की जाएगी। 51 तहसीलों के 520 ग्रामों में फसल प्रभावित होने की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।