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किसानों के लिए मौसम हुआ बैरी प्रदेश के 20 जिलों की 35 हजार हेक्टेयर फसलों को नुकसान, रायसेन से सदमे से किसान की मौत  

ओलावृष्टि से निर्मित संकट में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है – मुख्यमंत्री चौहान
MP News in Hindi। मार्च में मौसम की ऐसी मार पड़ी कि फसलें खेतों में ही तबाह हो गईं। किसान रो दिए। रायसेन में एक किसान की मौत हो गई। परिवार का कहना है कि सदमे में किसान की जान चली गई। गेहूं, चना, सरसों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। संतरा, लहसुन, धनिया, मसूर, इसबगोल, अलसी की फसल भी प्रभावित हुई है।

मध्यप्रदेश के किसानों पर मौसम की मार का सरकार दो फेज में सर्वे करा रही है। पहले फेज में 6 से 9 मार्च के बीच आंधी, पानी और ओले गिरने से 16 जिलों के 3280 गांव में 1.09 लाख किसान की 1.25 लाख हेक्टेयर की फसल नष्ट होने की जानकारी सामने आई है। रही सही कसर 16 से 19 मार्च के बीच बिगड़े मौसम ने पूरी कर दी। शुरुआती सर्वे में 27 जिलों में नुकसान माना जा रहा है। दूसरे फेज में अभी तक की रिपोर्ट में 19 जिलों के 525 गांवों में 33884 किसानों की 38985 हेक्टयर फसल खराब हो गई।

दोनों फेज की प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट की बात करें तो मध्यप्रदेश के साढ़े तीन हजार से ज्यादा गांवों में 1.5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसल को नुकसान हुआ है। शुरुआती सर्वे में जहां ओले पड़े हैं, वहां फसलों को 50 से 85% तक नुकसान माना जा रहा है। विदिशा में सबसे ज्यादा 49883 हेक्टेयर (पहले फेज के सर्वे में 45875, दूसरे फेज में 4008) में फसल को नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा 38078 किसान (पहले फेज में 36073, दूसरे में 2005) भी विदिशा में ही प्रभावित हुए हैं। मंदसौर में सबसे ज्यादा 819 गांव में नुकसान माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 मार्च तक सर्वे पूरा करने को कहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओलावृष्टि से निर्मित संकट में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। ओलावृष्टि से प्रभावित जिलों में सर्वे का कार्य आरंभ कर दिया गया है। एक सप्ताह में सर्वे कार्य पूर्ण कर किसानों को तत्काल राहत उपलब्ध कराई जाएगी। सर्वे के लिए राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के संयुक्त दल गठित किए गए हैं।
सर्वे में कोई लापरवाही न हो, सर्वे ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ हो और प्रत्येक प्रभावित किसान को राहत मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी किसान का खेत सर्वे से न छूटे। मुख्यमंत्री चौहान ने यह निर्देश निवास कार्यालय में हुई बैठक में दिए। प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी सहित राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस वर्चुअली शामिल हुए।

किसानों को राहत राशि के साथ फसल बीमा योजना का लाभ भी मिलेगा

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सर्वे के समानांतर ही फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए।
किसानों को राहत राशि के साथ अद्यतन तकनीक से किए गए क्रॉप कटिंग एक्सपरिमेंट के आधार पर फसल बीमा योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। फसलों के नुकसान के अलावा पशुहानि के लिए बढ़ी हुई राशि के अनुरूप राहत प्रदान की जाएगी। 51 तहसीलों के 520 ग्रामों में फसल प्रभावित होने की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।
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