नई दिल्ली। लंदन में दिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान और अडानी मामले में जेपीसी गठन को लेकर केंद्र और विपक्ष के बीच तकरार एवं गतिरोध की वजह से लगातार छठे दिन भी संसद में कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों-लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई। इसके पहले सदन को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई थी।
बता दें कि, सोमवार को भी सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में दोनों पक्षों की तरफ से हंगामा शुरू हो गया। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को बात कर संसद चलने देने का रास्ता भी निकालने की गुजारिश की। वे लगातार प्रश्नकाल चलने देने की अपील करते रहे लेकिन हंगामा लगातार जारी रहने पर उन्होंने लोक सभा की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
वहीं सोमवार को लंदन में लोकतंत्र पर दिए गए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष राहुल से माफी की मांग कर रहा है। सड़क से संसद तक यह मामला उठाया जा रहा है। संसद में राहुल गांधी के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी भी हो रही है। वहीं दूसरी ओर अडानी मुद्दे को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष की ओर से लगातार अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग हो रही है।
राज्यसभा में हंगामे के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर शुरू होने के मात्र एक मिनट में ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उन्हें 14 नोटिस मिले हैं। इसमें से नौ नोटिस कांग्रेस सदस्यों के थे।
सभापति ने कहा कि कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रंजीत रंजन, कुमार केतकर, सैयद नासिर हुसैन सहित कुछ अन्य सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता पर नोटिस दिया है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और वाम दलों के बिनय विश्वम और एलामारम करीम ने भी अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर नोटिस दिए थे। सभी नोटिस अस्वीकार कर सभापति ने शून्यकाल शुरू किया और इसके तहत आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का नाम पुकारा। इसी बीच सदन में हंगामा और शोरगुल शुरू हो गया।