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सीएम का फरमान फिर बनवाएंगे इंदौर का बेलेश्वर महादेव मंदिर – क्या मजिस्ट्रियल जांच समिति अब मंदिर निर्माण का काम देखेगी?

Indore News in Hindi। इंदौर के पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर को तोडऩे का विरोध तेज होते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान आया है। उन्होंने बोला है कि मंदिर वहीं पर बनेगा। इससे पहले शुक्रवार सुबह 9 बजे से बड़ी संख्या में क्षेत्र के रहवासी और व्यवसायी ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। सभी ने यहां पैदल मार्च निकाला और लोगों को जाग्रत किया। सभी मार्च के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इनकी मांग थी कि प्रशासन ने जिस मंदिर को तोड़ा उसे फिर से बनाया जाए।
मंदिर निर्माण के लिए यह कलेक्टर से मांग कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि वे सात दिन तक इंतजार करेंगे, यदि मंदिर नहीं बनाया गया तो खुद ही मंदिर बनाने में जुट जाएंगे। शुक्रवार सुबह से विरोध स्वरूप आधा दिन सिंधी कॉलोनी मार्केट बंद रखा गया है। गौरतलब है कि मंदिर की बावड़ी धंसने से यहां पर 36 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद प्रशासन ने बावड़ी को भर दिया और मंदिर भी ढहा दिया।

एक हजार से अधिक लोग अभियान से जुड़े

मंदिर को बनवाने के लिए श्री बेलेश्वर महादेव एवं झूलेलाल मंदिर संघर्ष युवा समिति बनाई गई है। इसके कई वाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं जिनमें क्षेत्र के एक हजार से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। उधर इंदौर में बावड़ी और कुएं भरने का जो अभियान शुरू हुआ है उसके खिलाफ कई भाजपा नेता भी उतर आए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी कह चुके हैं कि इस तरह से कुएं बावड़ी बंद करना बिल्कुल उचित नहीं है। इन्हें जल संरक्षण के लिए उपयोग में लाना चाहिए।
 
सदभावना सवाल?

इस हादसे से शहर ठीक से उभरा भी नहीं था कि सीएम ने मंदिर के पुर्न निर्माण की घोषणा कर दी, अब यहाँ सवाल यह उठता है कि इस नरसंहार की जबाबदारी कब तय होगी और तय होगी भी या नहीं.
क्या इस मंदिर पर शुरू हुई मजिस्ट्रियल जांच समिति अब मंदिर निर्माण का काम देखेगी क्योंकि सबूत तो सारे ख़त्म किए जा चुके हैं बाबड़ी को ढहा कर सबूतों को नष्ट कर दिया गया तो मजिस्ट्रियल जांच किस चीज की होगी, क्या इन मौतों की चीख पुकार सिर्फ फाइलों और अख़बार की स्याही में सिमट कर रह जाएगी?
परिजनों का यह अनुरोध था कि इस मंदिर को ढहा दिया जाए मन्दिर की घंटी सुनाई देगी तो मृतको की याद आएगी, मन आहात होगा क्या नए मंदिर में घंटी नहीं लगाई जाएगी क्या केवल इमारत नई खड़ी हो जाने से वहां का इतिहास बदल जाएगा?
ऐसे कई सवाल हैं जिनपर शासन प्रशासन मौन साधे खड़ा हैं क्योंकि शायद चुनाव करीब है या इसमें शामिल है या किसी का कोई करीबी.......
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