जन्मजात विकृतियों की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन के लिए अभियान 

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

इन्दौर। बच्चों की जन्मजात विकृतियों की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन के लिए अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अभियान के अन्तर्गत प्रसव केन्द्रों के चिकित्सकों, स्टाफ नर्स एवं ए.एन.एम. को जन्मजात विकृतियों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जीवित प्रसवों में से लगभग ढाई से 3 प्रतिशत बच्चों में विजिबल जन्मजात विकृति की संभावना होती है। क्लेफ्ट लिप, क्लेफ्ट पेलेट, जन्मजात केट्रेक्ट, क्लब फुट, जन्मजात हृदय विकृति, न्यूरल ट्युब डिसऑर्डर, सिर में पानी भरने की समस्या होने पर उसे जन्मजात विकृति की श्रेणी में रखा जाता है। जन्म के समय बच्चों में ऐसे लक्षण दिखने पर उन्हें शीघ्र ही उपचार प्रदान करना आवश्यक होता है। सही समय पर विकृतियों की पहचान कर समस्याओं का प्रबंधन किया जा सकता है।
प्रसव के समय लेबर रूम एवं प्रसव पश्चात देखभाल से जुड़े चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टाफ को इन समस्याओं की पहचान एवं प्रबंधन के लिए उन्मुखीकरण प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जन्मजात विकृतियों, पौष्टिकता की कमी, बीमारियों एवं विकासात्मक देरी के बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है। आर. बी. एस. के. दल द्वारा समुदाय में से ऐसे बच्चों की स्क्रीनिंग कर चिह्नांकित किया जाता है। इन बच्चों को जांच, उपचार एवं थेरेपी की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।