मध्यप्रदेश में स्कूल तीन चरणों में तैयार होंगे।
पहले चरण में 350 स्कूलों का चयन किया है, जिनकी सूची अनुमोदन के लिए कैबिनेट को भेजी गई है। मंगलवार की बैठक में इस पर मुहर लगने की उम्मीद है। ये स्कूल हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराएंगे। इनमें निजी स्कूलों की तरह केजी-नर्सरी कक्षाएं भी शुरू होंगी।
सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 9200 स्कूल तैयार कर रही है, जो पढ़ाई और सुविधाओं के मामले में नामचीन निजी स्कूलों को टक्कर देंगे। इनमें बच्चों के लिए परिवहन, खेलकूद, संगीत, तैराकी से लेकर तमाम तरह की सुविधाएं होंगी। उनमें वैज्ञानिक प्रवृत्ति विकसित करने के लिए विभिन्न् खेल और प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। सूची मंजूर होते ही शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी और फिर स्कूलों की औपचारिक शुरूआत। अभी स्कूल पुराने भवनों में ही संचालित होंगे। हालांकि सर्वसुविधायुक्त भवन तीन साल में तैयार करने का लक्ष्य है। इन स्कूलों में कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी अलग होगी और तबादला नीति भी। हर स्कूल निर्धारित मानक पूरे करे, इसलिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की गई है।
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नया स्कूल नहीं खुलेगा
कैबिनेट से सूची मंजूर होने के बाद प्रदेश में नया स्कूल नहीं खुलेगा। बल्कि सीएम राइज स्कूलों में जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ेंगी, उनकी 15 किमी परिधि के स्कूलों को समाहित किया जाएगा।
तीन चरण में बनेंगे स्कूल
पहले चरण में 350 स्कूल इसी साल से शुरू होंगे और इनके भवन तीन साल में पूरे होंगे। अगले पांच साल में 8500 और उसके बाद अगले दो साल में 350 स्कूल खोले जाएंगे। पहले चरण के स्कूलों में केजी से 12वीं, दूसरे चरण में केजी से 12वीं, केजी से 10वीं और केजी से आठवीं तक के स्कूल खोले जाएंगे।
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