Eating Habits क्या अचार आपके स्वास्थ्य के लिए बुरा है जानें इसके फायदे और नुकसान

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भारतीय खानपान में अचार का विशेष महत्व है. घर में बनने वालों अचारों के साथ ही बाजार में बिक रहे अचारों का भी टेस्ट बेहद लजीज होता है. आम, नींबू, मिर्च, लहसुन के अलावा कुछ सब्जियों के भी अचार बनाए जाते हैं. अचार की खुशबू और स्वाद लंबे समय तक जीभ पर बनी रहती है. हालांकि कई बार आपको अचार खाते हुए मां या कोई बड़ा ये कह देता है ज्यादा अचार खाना ठीक नहीं या रोज-रोज अचार खाने से नुकसान होता है. आइये जानते हैं अचार हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर डालता है और यह सेहत के लिए कितना फायदेमंद और नुकसानदेह है. ये हैं अचार खाने के फायदे :- अचार पाचन को आसान करता है लेकिन यह अच्छा तभी साबित होगा जब यह घर पर बना हुआ हो. अचार में विटामिन और मिनरल होते हैं. इसकी वजह अचार के डिब्बोंत को धूप में रखा जाना है.

अचार में प्रयोग किए गए सिरके में उच्चन मात्रा में एसिटिक एसिड होता है जो हीमोग्लोसबिन लेवल को बढ़ाता है, डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक है. लगातार अचार खाने से मानसिक स्वाेस्य्रा बेहतर होता है. यही नहीं अचार में विटामिन K के भरपूर होता है. जो ब्लड क्लॉटिंग में मददगार है. यह चोट लगने पर उस घाव को भरने और खून के बहाव को रोकने में मददगार है. ज्यादा अचार खाने के नुकसान :- अचार में काफी मात्रा में सोडियम होता है जो हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है. बाजार में मिलने वाले अचार में तेल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उसमें प्रयोग किए जाने वाले मसाले भी अक्सर पके हुए नहीं होते, जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल और अन्य समस्याएं हो सकती है. अचार बनाने और उसे सुरक्षित रखने के लिए जिन प्रिजेरवेटिव्से का प्रयोग होता है, वे शरीर के लिए हानिकरक होते हैं और एसिडिटी या शरीर में सूजन आदि के लिए जिम्मेदार होते हैं. अचार में बहुत ज्यादा तेल, नमक और सिरके का इस्तेरमाल होता है. यह सेहत के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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