Education News: शिक्षा विभाग में एक तरफ जहां उपस्थिति को लेकर कोरोनावायरस की सक्रियता और संक्रमण के बीच गाइडलाइन के पालन की बात कही जा रही है और वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बीच शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ उपस्थिति बढ़ाने को लेकर मैराथन बैठकों का दौर भी जारी है। कल भी जिला शिक्षा अधिकारी और सहायक संचालक ने जिले के प्राचार्यों की मैराथन बैठक ली।
विदित रहे कि लगातार तीसरे साल कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल में शैक्षणिक गतिविधियां संचालित नहीं हो पा रही है। आंशिक रूप से स्कूल खुले हैं, लेकिन सिर्फ हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल ही खुले हैं। उसमें भी 1 दिन नवीं, 1 दिन दसवीं, 1 दिन 11 वीं और 1 दिन बारहवीं की कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। इसमें भी छात्र छात्राओं को अल्टरनेट बुलाने की बात कही गई। इधर स्कूलों में मैपिंग से लगाकर अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित करने की बात की जा रही है। अब तमाम प्राचार्य और शिक्षक, शिक्षिकाएं इस बात को लेकर परेशान है कि वह स्कूल में शैक्षणिक गतिविधि संचालित करें या गैर शासकीय कार्य करें क्योंकि उन्हें कई अन्य कार्य करने पड़ रहे हैं। इधर स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने को लेकर भी कवायद आरंभ हो गई है और भोपाल से दिशा निर्देश मिले हैं कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या पर्याप्त नहीं हो पा रही है। अतः अभिभावकों को फोन करके बताया जाए कि अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ने भेजें और जरूरी हुआ तो स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं भी अभिभावकों से संपर्क करें।
स्थानीय प्रीतमलाल दुआ सभागृह में स्कूल में उपस्थिति बढ़ाने ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन करने, शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने और स्कूलों की पेंडेंसी खत्म करने को लेकर मैराथन बैठक हुई। बैठक जिला शिक्षा अधिकारी तथा एसडीएम रवि कुमार सिंह ने ली। बैठक में सहायक संचालक पूजा सक्सेना ने भी शिक्षक शिक्षिकाओं को मार्गदर्शन दिया। सभी का इस बात को लेकर जोर रहा कि हर हाल में स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि की जाए। कोरोनावायरस की सक्रियता संक्रमण की गाइड लाइन पालन करते हुए छात्र-छात्राओं नई तकनीकी आधारित पढ़ाई भी करवाई जाए।