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मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी होंगे 74 वें गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि,  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू फहराएंगी तिरंगा 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के बीच बुधवार को द्विपक्षीय बैठक हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नए सिरे से बढ़ाने पर सहमति बनी। बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच आज की बातचीत का मुख्य आकर्षण द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के रूप में आगे बढ़ाना है। जिसमें चार प्रमुख स्तंभ हैं- राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग, आर्थिक जुड़ाव, वैज्ञानिक व शैक्षणिक सहयोग, और व्यापक सांस्कृतिक तथा लोगों के बीच संपर्क शामिल हैं।

गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेगी मिस्र के सशस्त्र बलों की टुकड़ी
मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी भारत की यात्रा पर आए हैं। वह गुरुवार को भारत के 74 वें गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे। विदेश सचिव ने बताया कि मिस्र के सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी भी परेड में हिस्सा लेगी। क्वात्रा ने कहा कि बुधवार सुबह, राष्ट्रपति अल-सीसी का राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनसे मुलाकात की।

राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू फहराएंगी तिरंगा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी, जिसे पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 74 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियों को गणतंत्र दिवस  की बधाई देने के साथ की. राष्ट्रपति ने कहा कि चौहत्तर वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को, मैं हार्दिक बधाई देती हूं.
जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हमने मिल-जुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर नागरिक को गौरव गाथा पर गर्व है. हम सब एक ही हैं, और हम सभी भारतीय हैं. इतने सारे पंथों और इतनी सारी भाषाओं ने हमें विभाजित नहीं किया है बल्कि हमें जोड़ा है. इसलिए हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हुए हैं. यही भारत का सार-तत्व है.
संविधान-निर्माताओं का किया धन्यवाद
उन्होंने कहा कि भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए विश्व-मंच पर एक आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका है. संविधान-निर्माताओं की सामूहिक बुद्धिमत्ता से मिले मार्गदर्शन के बिना यह प्रगति संभव नहीं थी. भारत हमेशा डॉ बीआर अंबेडकर का आभारी रहेगा, जिन्होंने संविधान की मसौदा समिति का नेतृत्व किया और इस प्रकार इसे अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेता कर्तव्य पथ पर समारोह के लिए भारतीय सेना और दिल्ली पुलिस में शामिल होंगे। इस वर्ष, गणतंत्र दिवस समारोह की थीम ‘जन-भागीदारी’ (लोगों की भागीदारी) है, जो देश की सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध परंपरा को प्रदर्शित करेगा।
गणतंत्र दिवस की इस पावन बेला पर प्रधानमंत्री राष्ट्रपति ने देशवासियों के नाम पर सन्देश दिया एवं बधाइयां प्रेषित की. 
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