Religious News. आषाढ़ नवरात्रि जून-जुलाई माह के बीच में आती है। इन दिनों माता दुर्गा की 9 दिनों तक पूरे श्रद्धा से पूजा अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं। इन नवरात्रों की प्रमुख देवी स्वरूप का नाम सर्वैश्वर्यकारिणी देवी है। यदि इन गुप्त नवरात्रि में कोई भी भक्त माता दुर्गा की पूजा-साधना करता है, तो मां उसके जीवन को सफल कर देती हैं।
गुप्त नवरात्रि का घटस्थापना मुहूर्त
गुप्त नवरात्रि की घटस्थापना सर्वाथसिद्धि व ध्रुव योग में होगी।
गुप्त नवरात्रि की घटस्थापना सर्वाथसिद्धि व ध्रुव योग में होगी।
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 जून सुबह 08:22 बजे से होगी
प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 30 जून सुबह 10:49 पर होगी।
घटस्थापना मुहूर्त
30, जून सुबह 05:48 बजे से 10:16 बजे तक रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:57 बजे से 12:53 बजे तक रहेगा।
गुप्त सिद्धियां पाने के लिए होती है विशेष साधना
गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती हैं।
इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं।
इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।