इग्नू संगीत में ऑनर्स कोर्स कराएगा, आईएएस ने 20 साल बाद साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री की; बोले- बहुत टफ था, अब लक्ष्य पीएचडी

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भोपाल । कहते हैं कि पढऩे की कोई उम्र नहीं होती है। ऐसा ही कुछ साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री करने वाले मध्यप्रदेश के आईएएस गिरीश शर्मा ने कर दिखाया। उन्होंने सर्विस जॉइन करने के करीब 20 साल बाद यूजी के बाद साइकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट की।
डिग्री लेने के बाद शर्मा बोले- परीक्षा देना बहुत टफ था, लेकिन इग्नू के माध्यम से यह संभव हो सका। कोर्स मटेरियल बहुत अच्छा था। पूरा ध्यान से पढऩे के कारण डिग्री पूरी हो सकी है। यूजी के बाद एमपी पीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।
सर्विस लगने के बाद पढ़ाई की तरफ ध्यान नहीं गया, लेकिन मन में था कि पहले पीजी और फिर पीएचडी करना है। अब साइकोलॉजी में ही पीएचडी करना चाहता हूं। हालांकि उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 35वें दीक्षांत समारोह मंगलवार को आईएएस गिरीश शर्मा को मास्टर डिग्री (पीजी) की उपाधि दी गई। देश भर में करीब 3 लाख के साथ भोपाल में 2801 उपाधि दी गईं।
इसके साथ ही इग्नू इस साल से संगीत में ऑनर्स कोर्स भी शुरू करने जा रहा है। मंगलवार कार्य के दौरान 649 मास्टर डिग्री, 576 यूजी खबर और 5196 सर्टिफिकेट प्रोग्राम समेत अन्य प्रोग्राम संपन्न हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत इग्नू नई दिल्ली से शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशिलता भारत सरकार मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान शामिल हुए। इसका लाइव प्रसारण 32 क्षेत्रीय केन्द्रो पर आयोजित किया गया। यहां पर मंगलवार को उपाधियां भी दीं गईं।
भोपाल स्थित क्षेत्रीय केन्द्र पर आयोजित दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डे उपस्थित रहे।

डिग्री पाने वाले अधिकांश ऐसे लोग रहे, जिन्होंने किसी न किसी कारण बीच में पढ़ाई छोड़ दी अब उसे पूरा किया।

बीच-बीच में लाइव में रुकावट आई
कार्यक्रम का दिल्ली से सभी 32 केंद्रों पर लाइव प्रसारण किया जा रहा था। बोल और सुन नहीं पाने वालों के लिए भोपाल सेंटर पर लाइव प्रसारण को साइन भाषा के माध्यम से समझाया गया।
इस कार्यक्रम को यूट्यूब भी प्रसारित किया जाएगा। लाइव के दौरान नेटवर्क के कारण कुछ रुकावट भी रही।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।