अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे – नर्सिंग एसोसिएशन के स्वघोषित अध्यक्ष के कॉलेज का फर्जीवाड़ा सीधे उच्च न्यायालय की नजर में

"सेंधवा नर्सिंग कॉलेज" याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने खुद देखा ऑनलाइन दस्तावेज और पाया स्पष्ट घोटाला

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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दैनिक सदभावना पाती – विशेष संवाददाता

भोपाल | मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में पिछले तीन वर्षों से जारी अनियमितताओं की जांच के बीच अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जो नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था के “ताबूत की आखिरी कील” साबित हो सकता है। यह मामला खुद नर्सिंग कॉलेज संचालकों की शीर्ष संस्था – प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष अभय पांडे से जुड़ा है।

लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के विशाल बघेल द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में नर्सिंग फर्जीवाड़े को लेकर याचिका दाखिल की गई है जिसकी सुनवाई में, सेंधवा स्थित “सरदार पटेल कॉलेज ग्रुप” के अभय पांडे (Abhay Pandey) के अंतर्गत संचालित “सेंधवा नर्सिंग कॉलेज” (Sendhwa Institute of Nursing) में फर्जी फैकल्टी के दस्तावेजों को लेकर दस्तावेज सौंपे, जिन्हें अदालत ने तुरंत ही स्वयं सत्यापित किया और प्रथम दृष्टया स्पष्ट रूप से फर्जीवाड़ा पाया। इसके बाद एमपी ऑनलाइन और शासन को निर्देशित किया गया कि वे किसी प्रकार की छेड़छाड़ या डाटा में बदलाव न करें।

कौन है अभय पांडे?

तथाकथित प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन के स्वघोषित अध्यक्ष और बीएड कॉलेज एसोसिएशन के भी प्रमुख पदाधिकारी अभय पांडे (Abhay Pandey) वर्तमान में न केवल दर्जनों कॉलेजों का संचालन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कर रहे हैं, बल्कि एक ही भवन में अनेक कोर्स चलाने के मास्टरमाइंड के रूप में बदनाम हैं। सरदार पटेल ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के अंतर्गत उनके द्वारा सेंधवा में इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, एमबीए, बीएड, बीएससी नर्सिंग, जीएनएम, एमएससी नर्सिंग, डीफार्मा, स्किल डेवेलपमेंट कोर्स, पीजीडीएम, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्सेस का संचालन किया जा रहा है – जिनमें से कई पर पूर्व में घोटाले और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लग चुके हैं।

फर्जीवाड़े की लंबी फेहरिस्त

अभय पांडे हर जांच में नाम – हर फाइल में संदिग्ध : अभय पांडे (Abhay Pandey) का नाम हर बड़े घोटाले में सामने आता है। चाहे वह छात्रवृत्ति घोटाला, पीजीडीएम घोटाला, बीएड की जांच, या नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा हो, पांडे हर बार जांच के केंद्र में रहे हैं। स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज में भी उनकी अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। उनके कॉलेजों में फर्जी फैकल्टी, घोस्ट स्टूडेंट्स, और नियमों की अनदेखी आम बात है। इसके बावजूद, बड़े नेताओं और उच्च अधिकारियों से उनके घनिष्ठ संबंधों के कारण अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। पांडे हर मामले को कोर्ट में उलझाने में माहिर हैं, लेकिन इस बार हाईकोर्ट ने उनके फर्जीवाड़े को सीधे पकड़ लिया।

चौंकाने वाला तथ्य – मामूली व्यक्ति से शिक्षा माफिया तक

कुछ वर्षों पूर्व तक मामूली जीवन जीने वाले अभय पांडे (Abhay Pandey) आज प्रदेश के कोने-कोने में फैले दर्जनों कॉलेजों के मालिक हैं। सेंधवा जैसे सीमावर्ती शहर से लेकर इंदौर, बड़वानी, धार, झाबुआ,ग्वालियर सहित कई जिलों में उनका काला साम्राज्य फैला हुआ है, जिनमें महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के विद्यार्थी डिग्रियां प्राप्त कर रहे हैं — बगैर नियमित कक्षाओं और आधारभूत सुविधाओं के।

संपत्ति, स्टाफ और इन्फ्रास्ट्रक्चर की जांच हो तो खुलेंगे बड़े राज

सूत्र बताते हैं कि यदि अभय पांडे (Abhay Pandey) की व्यक्तिगत संपत्ति, छात्रवृत्ति वितरण, सभी पाठ्यक्रमों के लिए नियमानुसार टीचिंग स्टाफ, और हॉस्टल एवं भवन संरचना की गहन जांच हो तो शिक्षा व्यवस्था की नींव हिल जाएगी। कथित रूप से उनके द्वारा कई कोर्स एक ही बिल्डिंग में चलाए जा रहे हैं, जबकि हर कोर्स के लिए निर्धारित क्षेत्रफल और सुविधाएं अनिवार्य होती हैं।

कई बार उठा है विरोध, विधायक तक पहुंचे छात्र

सेंधवा नर्सिंग कॉलेज (Sendhwa Nursing College) में कुछ माह पूर्व भी छात्रों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें क्षेत्रीय विधायक मोंटू सोलंकी भी पहुंचे थे। छात्रों ने फर्जीवाड़े, फीस वसूली, और बिना परीक्षा पढ़ाई जैसे मामलों में आक्रोश जताया था।

अन्य संचालक भी नाराज

नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ कॉलेज संचालक ने कहा कि “अभय पांडे (Abhay Pandey) जैसे लोगों के कारण हम जैसे ईमानदारी से कॉलेज चलाने वाले भी जांच के घेरे में आ जाते हैं।” एक ही बिल्डिंग में कई कोर्स चलाने की बात पर संचालक ने बताया कि नर्सिंग के लिए 23000 स्क्वायर फीट की आवश्यकता है यदि किसी ने 50000 स्क्वायर फीट बिल्डिंग बना रखी है तो वह अन्य कोर्स क्यों नहीं चला सकता? आगे कहा, “एक बड़ी बिल्डिंग में यदि कोई सभी नियमों का पालन करके कोर्स चला रहा है तो ठीक है, लेकिन बिना स्टाफ, बिना इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्जी दस्तावेजों से कोर्स चलाना अन्याय है।”

सेंधवा नर्सिंग कॉलेज (Sendhwa Nursing College) में फर्जीवाड़े का यह मामला मध्य प्रदेश के शिक्षा तंत्र में गहरी खामियों को उजागर करता है। जबकि इस कॉलेज को 2 बार हुई सीबीआई जाँच में सूटेबल पाया गया हो। हालांकि, पांडे के रसूख और कोर्ट में मामलों को उलझाने की उनकी रणनीति के कारण यह देखना बाकी है कि क्या इस बार न्याय हो पाएगा।

यदि अभय पांडे सेंधवा नर्सिंग कॉलेज (Sendhwa Institute of Nursing) फर्जीवाड़े में दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467-468 (जालसाजी), और 120B (षड्यंत्र) लागू हो सकती हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 के तहत भी कार्रवाई संभव है। सजा में 7 से 10 वर्ष तक कारावास, जुर्माना, कॉलेज मान्यता रद्द, और संपत्ति जब्ती शामिल हो सकती है।

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