इंदौर । 16 महीने से सिर्फ अर्जेंट मामलों की सुनवाई कर रहे न्यायालयों में आमने-सामने की सुनवाई फिलहाल शुरू होगी या नहीं यह निर्णय दो अगस्त (सोमवार) को होने वाली हाई कोर्ट की तीन खंडपीठों की बैठक में होगा। बैठक सोमवार शाम करीब पांच बजे रखी गई है। इसमें मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ ही अभिभाषक संघों की तदर्थ समितियों के संयोजक भी शामिल होंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस बैठक में वकीलों के टीकाकरण पर भी चर्चा होना है। चीफ जस्टिस के निर्देश के बाद सभी अभिभाषक संघों में वकीलों के टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इंदौर बार एसोसिएशन की तदर्थ समिति के उप संयोजक अमरसिंह राठौर के मुताबिक 95 प्रतिशत से ज्यादा वकील और न्यायिक कर्मचारियों का टीकाकरण हो चुका है।
गौरतलब है कि मार्च 2020 से ही न्यायालयों का कामकाज प्रभावित है। नियमित सुनवाई नहीं हो पा रही है। लाकडाउन में जहां न्यायालय पूरी तरह से बंद रहे। वहीं अनलाक के बाद सिर्फ अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो सकी। वह भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए। वकील लंबे समय से नियमित सुनवाई शुरू करने की मांग कर रहे हैं लेकिन महामारी के प्रकोप के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा था। अब चूंकि प्रदेश में कोरोना लगभग नियंत्रित हो गया है। इसलिए न्यायालयों में आमने-सामने की सुनवाई शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं।
इसी संदर्भ में चीफ जस्टिस सोमवार को जबलपुर में कोटों में नियमित सुनवाई शुरू करने को लेकर बैठक लेंगे। इसमें अभिभाषक संघ के अध्यक्ष, तदर्थ समितियों के संयोजक शामिल होंगे। बैठक में सहमति बनती है तो कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए न्यायालयों में अगस्त से नियमित कामकाज शुरू हो सकता है। इधर हाई कोर्ट की तदर्थ समिति ने टीकाकरण को लेकर अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। इसमें कहा है कि 97.5 प्रतिशत वकीलों को पहला और 95 प्रतिशत वकीलों को दूसरा टीका लग चुका है।