Indore News. पोस्टमार्टम को लेकर पुलिस और डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। सड़क हादसे में मृत बाइक सवार का शव जिला अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन पुलिस देरी से पहुंची इस पर डॉ बिफर पड़े वहां 4.00 बजे अपनी ड्यूटी खत्म होने का हवाला देकर जाने लगे इस दौरान मृतक के ताऊ डॉक्टर के पैरों में गिर कर पोस्टमार्टम के लिए गुहार लगाने लगे। बोले सर बेटा मर गया है। सर मेरी बात को समझे, लेकिन डॉक्टर नहीं माने इसके बाद परिवार ने जिला प्रशासन से शिकायत की तब जाकर रात 8.00 बजे पोस्टमार्टम कर शव परिवार के हवाले किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राऊ क्षेत्र की ट्रेजर फेंटेसी में रहने वाले 18 साल के सार्थक पिता समीर ठाकुर का केंट रोड पर रविवार दोपहर 2.00 बजे डंपर की चपेट में आने से मौत हो गई थी। उसके शव को जिला अस्पताल ले जाया गया था यहां दोपहर 4:00 बजे तक राऊ थाने की पुलिस नहीं पहुंची जब पुलिस पहुंची तो सीनियर डॉक्टर भरत बाजपेई ड्यूटी खत्म करने का हवाला देने लगे। इस दौरान सार्थक के परिवार के लोग उनसे पोस्टमार्टम की गुहार लगाने लगे। तभी सार्थक के ताऊ सुनील ठाकुर डॉक्टर के पैरों में गिर कर बेटे के पोस्टमार्टम के लिए गिड़गिड़ा ने लगे, लेकिन डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा।
इस मामले में राऊ पुलिस की लापरवाही सामने आई है। हादसे के बाद करीब 3 घंटे तक कोई अधिकारी अस्पताल नहीं पहुंचा। बाद में सीनियर अधिकारियों के संज्ञान में डालकर एडीएम से परमिशन लेना पड़ी। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद डॉ भरत बाजपेई दोबारा अस्पताल आए और शव का पोस्टमार्टम किया। रात करीब 8,00. बजे शव परिजनों को सौंपा गया इस संबंध में एसआई महेश श्रीवास्तव ने कहा कि घटना की सूचना 315 बजे मिली जब हम 345 बजे पहुंचे और परिवार का बयान लेकर कागज तैयार कर रहे थे तभी डॉक्टर जाने लगे।