Indore News – जिला प्रशासन की अनूठी पहल इंदौर में कोरोना से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के हितों की रक्षा करेगा जिला प्रशासन

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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* बच्चों की देखरेख एवं नियमित संवाद के लिये हर बच्चे के लिये नियुक्त किये गये पालक अधिकारी

इंदौर. जिले में कोरोना महामारी से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चे अनाथ नहीं रहेंगे। ऐसे बच्चों के हितों की रक्षा और उनके सुरक्षित भविष्य के लिये संवेदनशील होकर जिले में विशेष पहल की जा रही है। इसके तहत ऐसे बच्चों की नियमित देखरेख एवं सतत संवाद के लिये हर बच्चे हेतु पालक एवं सहायक पालक अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनीष सिंह ने आदेश जारी कर दिये हैं।

कोविड-19 से माता-पिता/अभिभावकों की मृत्यु के कारण अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा, खाद्यान्न, सुरक्षा तथा आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना प्रदेश में लागू की गयी है। शासन के निर्देशों के क्रम में योजना में दिये गए निर्देशानुसार ऐसे बालक/बालिकाओं जिनके माता-पिता/अभिभावकों की मृत्यु हुयी है और जो योजना गाईडलाईन अनुसार पात्र पाये गए हैं, ऐसे बच्चों को और अधिक योजना का लाभ दिलाने, उनकी शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं उनके माता-पिता की संपत्ति उनके नाम हस्तांतरित कराये जाने एवं अन्य सहायता प्रदान करने हेतु पालक अधिकारी एवं सहायक पालक अधिकारी नियुक्त किए गये हैं। उक्त अधिकारी माह में एक बार एवं सहायक पालक अधिकारी 15 दिन में एक बार बालक/बालिकाओं से भेंट कर उनकी सकुशलता सुनिश्चित करेंगे। साथ ही यह ध्यान रखेंगे कि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो।

              कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी सौंपे गये दायित्वों का पूर्ण मानवीय संवेदना के साथ निर्वहन करें। बताया गया कि उक्त अधिकारी योजना अंतर्गत पात्र बच्चों के माता-पिता के नाम दर्ज चल-अचल संपत्ति वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए बच्चों के नाम हस्तांतरित कराना सुनिश्चित करेंगे। योजना अंतर्गत पात्र बालक/बालिकाओं को सभी लाभ प्राप्त हो यह सुनिश्चित करेंगे। योजना अंतर्गत पात्र बालक/बालिकाओं को शिक्षा शुल्क या अन्य किसी तरह की समस्या आने पर जनसहयोग से बालक/बालिकाओं को सहयोग प्रदान करेंगे। साथ ही पालक अधिकारी इन बच्चों की सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेंगे। पालक एवं सहायक पालक अधिकारी बच्चों के संरक्षक एवं परिवार में जिम्मेदार व्यक्ति से भी निरन्तर सम्पर्क में रहेंगे तथा अपना मोबाईल नम्बर उन्हे देकर रखेंगे। इसके साथ-साथ समय-समय पर यह भी ध्यान रखेंगे कि तीन माह में एक बार सभी बालक/बालिकाओ, उनके संरक्षकों एवं पालक अधिकारियों एवं सहायक पालक अधिकारियों की एक सामूहिक भेंट आयोजित की जाएगी, जिसमें अधिकारियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि पात्र बालक/बालिकाओं का सर्वोत्तम हित सुनिश्चित किया जा सके।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।