Press "Enter" to skip to content

Indore News – हाईकोर्ट से 300 मीटर दूर मुख्य एमजी रोड की करोड़ों की जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा

 

कोर्ट के आदेश के बाद भी जिला प्रशासन मुक्त नहीं करा सका अपनी बेशकीमती जमीन

10 करोड़ की 3200 फीट भूमि पर अतिक्रमण कराने में नजूल अधिकारी भी शामिल ?

विनय वर्मा..

Indore News in Hindi। शहर में बेशकीमती जमीनों पर भू माफियाओं की नज़रें गिद्ध की तरह लगी रहती हैं फिर जमीन शासकीय नजूल की ही क्यों न हो। भू माफिया इतने चतुर चालाक हैं कि येन केन प्रकारेण जमीनों पर कब्जा कर ही लेते हैं। इस षड्यंत्र में विभाग के कर्मचारी भी शामिल हैं। ऐसा अवैध कब्जा इंदौर हाई कोर्ट से मात्र 300 मीटर की दूरी पर मुख्य एमजी रोड पर हुआ है। इस संबंध में कुछ लोग जेल भी जा चुके हैं फिर भी इस बेशकीमती जमीन पर शासन अपना आधिपत्य नहीं ले पा रहा है।

इस मामले को लेकर विपिन शर्मा निवासी सिलिकॉन सिटी ने शिकायत दर्ज करवाई है कि भू माफियाओं ने नाथ मंदिर एवं एमजी रोड पर मध्य प्रदेश शासन की 3200 फिट जमीन पर कब्जा कर रखा है। यह ज़मीन टीआई मॉल से चंद क़दमों की दूरी पर है जहाँ कब्जाधारियों द्वारा होटल, कैफ़े आदि का संचालन किया जा रहा है। नजूल की इस जमीन की कीमत 10 करोड़ से अधिक की है और यह जमीन तत्कालीन म्युनिसिपालिटी ने लीज पर दी थी।

हिम्मत इतनी कि सिटी बस स्टैंड के पास भी दुकान लगाकर हो गया कब्जा –

भूमाफियाओं की हिम्मत इस कदर बढ़ गई है कि यहां सिटी बस स्टॉप पर भी एक गुमटी लगाकर कब्जा कर रखा है। इस गुमटी के कारण बस स्टॉप पर आने जाने वाले यात्रियों को बहुत असुविधा हो रही है। इस ओर न तो नगर निगम और न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है।

शर्मा ने बताया कि इंदौर नगर पालिका निगम ने प्रश्नाधीन कनाडियन प्रेस बिटेरियन मिशन, इन्दौर को तुकोगंज/एम जी रोड को प्रदत्त कब्रिस्तान की भूमि का 30,084 वर्गफीट का भाग तत्कालीन इन्दौर म्युनिसिपालटी आयुक्त द्वारा डॉ. पी आर भण्डारकर को उद्यान व कब्रों के रखरखाव करने के लिए दिनांक 15/08/1919 को वार्षिक लीज पर दिया गया था, जिसे अपने साऊथ तुकोगंज के भूखंड क्षेत्रफल 56,331 वर्गफीट के साथ दिनांक 02/05/1941 को श्रीमती कौशल्या बाई गावडे को उनके परिवार में बेच दिया।

Indore News in Hindi

उक्त जमीन के संबंध में इंदौर नगर निगम ने सर्वोच्च न्यायालय में स्पेशल लिव टू अपील दिनांक 25/08/2017 को पेश कर डायरी क्रमांक 23398/2017 से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया है। उक्त कब्रिस्तान के शेष भूखंड का भाग 3200 वर्ग फीट पर इंदौर के भू माफिया योगेंद्र जैन ने किसी माइकल का बताकर अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी कर लिया था जिसे इंदौर नगर निगम ने ब्लास्टिंग द्वारा गिरा दिया था और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में विशेष न्यायालय इंदौर में अपराध क्रमांक 26/1997 का आरोप पत्र सुधार किया जिसमें विशेष न्यायालय ने इंदौर निगम के भवन अधिकारी  नित्यानंद जोशी आदि को भी  दंडित किया था।

उक्त मामले में अपराधी समूह ने तेरहवें अपर जिला न्यायाधीश महोदय इंदौर के समक्ष दीवानी अपील क्रमांक 19-ए/2008 प्रस्तुत कर इंदौर नगर निगम को भी प्रत्यर्थी बनाया जिसमें अदालत ने दिनांक 18/08/2009 से उक्त भूखंड के स्वामित्व का मध्य प्रदेश के हक में  फैसला सुनाया था। फैसले के बाद भी जिला प्रशासन उक्त जमीन को अपने आधिपत्य में ले नहीं पाया है।

इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर दलाल कहते हैं कि नजूल विभाग के अधिकारी अकर्मण्य है, लाभ शुभ में लगे रहते हैं जिस कारण शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।  

अब सवाल यह है कि आखिर क्या कारण है, प्रशासन इतनी बेशकीमती जमीन कोर्ट के निर्णय के बाद भी नहीं ले पा रहा है ? क्या अभी भी जिला प्रशासन के अधिकारी भू माफियाओं से मिले हुए हैं ? देखना होगा आगे प्रशासन इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करता है।
Spread the love
More from Indore NewsMore posts in Indore News »
More from Sadbhawna Paati ReporterMore posts in Sadbhawna Paati Reporter »