मध्य प्रदेश की सत्ता का भविष्य तय करने वाले 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। ऐसा पहली बार होगा, जब 14 मंत्री उपचुनाव लड़ेंगे। लेकिन इसमें दो मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद गंवाना पड़ेगा, क्योंकि उनका कार्यकाल 20 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। इसलिए मतदान के दिन यानि 3 नवंबर को ये दोनों बगैर मंत्री पद के मैदान में होंगे। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि प्रावधान यही है कि नियमों के अनुसार, कोई भी ऐसा व्यक्ति 6 माह से ज्यादा समय के लिए मंत्री नहीं रह सकता है, जो विधानसभा का सदस्य न हो। इस हिसाब से 21 अक्टूबर को दोनों मंत्रियों की यह समय-सीमा समाप्त हो जाएगी। इस समय-सीमा में उपचुनाव की प्रक्रिया भी पूरी नहीं होगी। आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो चुकी है और अब मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं हो सकता है। इसलिए दोनों नेताओं को मंत्री पद से हटना पड़ेगा।
गोविंद सिंह राजपूत सुरखी और तुलसी सिलावट सांवेर से अपनी परंपरागत सीटों से उप चुनाव लड़ रहे हैं। सिंधिया के समर्थन में 10 मार्च को 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण कमलनाथ सरकार गिर गई थी और बाद में ये सभी भाजपा में शामिल हो गए| चौथी बार शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तब इनमें से भाजपा ने 14 को मंत्री पद से नवाजा। शिवराज ने 28 दिन बाद 21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन किया था, इसमें सिंधिया खेमे के तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई थी
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