यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पढ़ने वाले फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को एग्जाम देने होंगे। यह यूजीसी के पक्ष में फैसला सुनाकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रियायत के लिए भी कहा था कि अगर किसी यूनिवर्सिटी को एग्जाम कराने में कोई दिक्कत है तो वह यूजीसी से बात कर सकते हैं। इसके अलावा यूजीसी ने भी रियायत दी है कि एग्जाम ऑनलाइन या ऑफलाइन कैसे भी कराए जा सकते हैं, लेकिन बिना एग्जाम के पुरानी पर्फोर्मेंस के आधार पर नंबर किसी को नहीं दिए जाएंगे। देश में हो रही परीक्षाओं पर स्वानस्य्ुर मंत्रालय ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि केवल उन्हीं परीक्षा केंद्रों पर एग्जा म कराने की अनुमति है जो कंटेनमेंट ज़ोन में नहीं आते हैं। कंटेनमेंट ज़ोन से आ रहे परीक्षार्थियों और स्टाुफ को एग्जानम सेंटर में एंट्री की अनुमति नहीं होगी।
आयोग ने कहा है कि जो छात्र परीक्षा में भाग लेने में सक्षम नहीं होंगे, उन्हें परीक्षा के लिए एक और मौका दिया जाएगा जब महामारी की स्थिति नियंत्रण में होगी। हालांकि, छात्रों ने आयोग के इस फैसले पर भी असहमति जताई है। मध्यप्रदेश में : – कोरोना संकट के चलते कॉलेजों में 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 2 माह ऑनलाइन पढ़ाई होगी। छात्रों को आकाशवाणी रेडियो चैनल के जरिये पढ़ाया जाएगा। प्रतिदिन तय समय पर तीन-तीन घंटे यूजी-पीजी कोर्स के लेक्चर होंगे। प्रदेशभर के 517 सरकारी कॉलेजों में इसी तरह पढ़ाई होगी। चूंकि प्रदेशभर में बीकॉम,बीए और बीएससी तथा एमकॉम, एमए और एमएससी का एक ही सिलेबस है इसलिए कॉमन लेक्चर जारी किए जाएंगे। अलग-अलग कोर्स की अलग-अलग क्लास के लेक्चर तैयार कराने का जिम्मा सभी स्टेट यूनिवर्सिटी को सौंपा है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी को आर्ट्स एंड कॉमर्स के पीजी कोर्स का जिम्मा सौंपा है। इन्हें छात्र मोबाइल के माध्यम से भी देख सकेंगे।
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