MP News – प्रदेश में OBC आरक्षण को लेकर घमासान

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब राजनीतिक नफा नुकसान का खेल भी शुरू

मध्य प्रदेश में इन दिनों आरक्षण को लेकर बीजेपी कांग्रेस के बीच घमासान छिड़ा हुआ है. दोनों पार्टियां राज्य के सबसे बड़े वोट बैंक पिछड़ा वर्ग ओबीसी के हिमायती बनने को उतावली हो रहीं है. अचानक ओबीसी का मुद्दा छिड़ने की वजह सुप्रीम कोर्ट का हाल का वो फैसला है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की सरकार से पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण कराने का आदेश दिया है.
मध्य प्रदेश में एक हफ्ते पहले शुरू हुई पंचायत चुनाव प्रक्रिया को इससे धक्का लगा है. सरकार तय नहीं कर पा रही कि अब पंचायत चुनाव को कैसे आगे बढाया जाए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब राजनीतिक नफा नुकसान का खेल भी शुरू हो गया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की याचिका पर कोर्ट ने ये फैसला दिया है इसलिए कांग्रेस पिछड़ों की हितैषी नहीं है. उधर कांग्रेस का दावा है कि पिछडों को राज्य की नौकरियों में 27 फीसदी आरक्षण को कानून उसने बनाया था इसलिए वो पिछड़ों को आगे बढ़ाने वाली है.
क्या है सच्चाई
सच्चाई ये है कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया को आगे बढाने के लिए जो रणनीति बनायी उससे ये मामला बिगड़ा है. कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के पंचायतों के परिसीमन की सिफारिशों को रद्द कर शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव कराने की सोची जिसका विरोध कांग्रेस ने किया और पहले जबलपुर हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट तक गयी. कांग्रेस ने परिसीमन को चुनाव में जोड़ने के लिए याचिका लगायी थी. मगर कोर्ट ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के पंचायत चुनाव की सुनवाई के साथ मध्य प्रदेश का मामला जोड़कर फैसला सुना दिया कि पंचायत चुनाव में सिर्फ एससी एसटी का आरक्षण ही लागू किया जाए किसी और वर्ग का आरक्षण इसमें जोड़ना कोर्ट की अवमानना होगी. इस फैसले के बाद तो अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों के होश उड़ गए. अब कांग्रेस बीजेपी को इस किए धरे के लिए जिम्मेदार बता रही है.
बीजेपी और कांग्रेस की इस लड़ाई में प्रदेश की आबादी की 50 फीसदी से ज्यादा ओबीसी आबादी अपने को छला महसूस कर रही है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।