MP Top Hindi News-1
आज से मप्र में फिर शुरू होगा बारिश का सिलसिला, प्रदेश में अब तक 20 प्रतिशत ज्यादा बारिश
भोपाल। कुछ दिनों की राहत के बाद मध्यप्रदेश 19 अगस्त से एक बार फिर से जमकर भीगने वाला है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह की मानें तो फिलहाल प्रदेश में तेज बारिश के आसार नहीं हैं, लेकिन 19 अगस्त की रात में बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम बन रहा है, जो पूर्वी मध्यप्रदेश से एंट्री करेगा। इस दिन रात में जबलपुर-शहडोल संभाग की तरफ से बारिश शुरू होगी। इसके बाद 20, 21 और 22 अगस्त को प्रदेशभर में तेज बारिश की संभावना है। प्रदेश में अब तक 30.87 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक की सामान्य बारिश 25.63 इंच से 20 प्रतिशत ज्यादा है। उधर, खंडवा में इंदिरा सागर डैम के 12 गेट 6 मीटर ऊंचाई तक खोल दिए गए हैं। ऐसे में यहां के मनमोहक नजारे को देखने खंडवा, बुरहानपुर, देवास से लेकर इंदौर तक के पर्यटक पहुंच रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिकों द्वारा जताए गए पूर्वानुमान के मुताबिक अगस्त के बाकी 13 दिन में से 6 या 7 दिन पानी बरस सकता है। मौसम विशेषज्ञ पीके साहा ने बताया कि 14-15 अगस्त को जिस मानसूनी सिस्टम के कारण तेज बारिश हुई थी, वैसा ही एक और सिस्टम 19 अगस्त को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में बनने की संभावना है। 13 अगस्त को भी यहीं पर ऐसा ही सिस्टम बना था, जो डिप्रेशन में बदलकर ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, होता हुआ मध्यप्रदेश पहुंचा था। 19 अगस्त को बनने वाले सिस्टम के भी इसी ट्रैक पर ही बढऩे की संभावना दिख रही है। मानसून ट्रफ लाइन भी इस दौरान और नीचे खिसक सकती है। यदि ऐसा हुआ तो 20 अगस्त से तीन-चार दिन फिर भोपाल सहित मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश हो सकती है।
अगले 24 घंटे ऐसा रहेगा मौसम
प्रदेशभर के ज्यादातर जिलों में आसमान साफ रहेगा। इंदौर और उज्जैन संभागों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल, चंबल, ग्वालियर, शहडोल, रीवा, जबलपुर और सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है।
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बसों और लोडिंग वाहनों के टैक्स में कमी
नुकसान उठाने के बाद अकल आई परिवहन विभाग को
भोपाल। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की अध्यक्षता में परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में मध्यप्रदेश में नेशनल परमिट पर चलने वाली बसों के मासिक टैक्स ज्यादा होने के कारण बस मालिक अन्य राज्यों से रजिस्ट्रेशन कराकर बसें चलाते थे। जिससे मध्य प्रदेश सरकार को आर्थिक नुकसान होता था। बैठक में अब 700 रुपये प्रति माह के स्थान पर 200 रुपये प्रति सीट प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह लोडिंग वाहनों के भी पंजीयन शुल्क ज्यादा होने के कारण अन्य राज्यों में वाहनों का पंजीयन होता था। मध्य प्रदेश सरकार ने इसका भी शुल्क घटा दिया है।
उल्लेखनीय है, मध्य प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा टैक्स और शुल्क होने से, वाहन चालक अन्य राज्यों में वाहनों का पंजीयन तथा परमिट इत्यादि लेकर अपने वाहन चलाते थे।
इस बैठक में प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई परिवहन आयुक्त संजीव कुमार झा सहित विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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गेस्ट फैकल्टी के लिए मध्य प्रदेश का नया शेड्यूल
भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने वर्ष 2022-23 के अंतर्गत गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति के लिए नया कार्यक्रम जारी किया है। गेस्ट फैकल्टी की डिमांड सभी कालेजों को 23 अगस्त तक करनी होगी। पूर्व में रजिस्टर्ड और वेरीफाइड गेस्ट फैकेल्टी को 24 अगस्त तक अपनी प्रोफाइल अपडेट कराकर संबंधित कॉलेज से वेरीफाई कराना होगा।
25 से 31 अगस्त तक रिक्त पदों के लिए अपनी प्राथमिकता ओर पसंद कालेजों को बतानी होगी। 2 सितंबर को गेस्ट फैकेल्टी को कॉलेजों का आवंटन किया जाएगा। 9 सितंबर तक कार्यभार ग्रहण करने की अंतिम तारीख होगी।
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महंगाई की सिर्फ दर कम हुई, जरूरत की सामग्री के दाम अब भी आसमान पर
-आटा, चावल, दाल, तेल, रिफाइंड आदि खाद्य पदार्थों की कीमतें गत वर्ष की तुलना में अब भी 10 से 20 प्रतिशत महंगी
भोपाल। केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने भले ही एक आंकड़ा जारी कर खुदरा महंगाई दर कम होने का दावा किया है, लेकिन यह सिर्फ हवा-हवाई बातें हैं। आम जनता की जरूरत की चीजें अब भी उनकी पहुंच से बाहर हैं। सबसे बुनियादी खाद्य पदार्थों की कीमतों पर भी कोई विशेष असर नहीं पड़ा है। गत वर्ष के मुकाबले ये दरें अब भी आसमान छू रही हैं। कुछ पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर लगाए गए पांच प्रतिशत गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) ने इनकी कीमतें और बढ़ा दी हैं। आटा, चावल, दाल, तेल, रिफाइंड आदि खाद्य पदार्थों की कीमतें गत वर्ष की तुलना में अब भी 10 से 20 प्रतिशत महंगी हैं।
गत शुक्रवार को केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर खुदरा महंगाई दर 7.01 से घटकर 6.71 प्रतिशत हो गई है। यह पिछले पांच महीनों में सबसे कम है। इसके पीछे कारण बताया गया कि फूड आइटम्स की कीमतों में गिरावट के कारण महंगाई दर कम हुई है। सबसे अधिक गिरावट खाद्य तेलों की कमी में देखी गई है। इसके चलते महंगाई कम हुई है, जबकि हकीकत यह है कि लगातार 34 वें महीने में खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक आफ इंडिया के मध्य अवधि के तय लक्ष्य चार फीसदी से कहीं अधिक है। इस दावे की पड़ताल की गई, तो पता चला कि पिछले वर्ष बुनियादी खाद्य पदार्थों की जो कीमते थीं, वो कुछ माह पहले बढ़ीं लेकिन महंगाई दर कम होने पर उनका असर कीमतों पर नहीं पड़ा। अब भी बाजार में खाद्य पदार्थ उन्हीं कीमतों पर मिल रहे हैं, जिन पर जून माह में मिल रहे थे।
कंपनियों की चल रही चालाकी
फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों ने चालाकी दिखाते हुए कुछ प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाए, तो सस्ती कीमत के कुछ प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने के बजाय उनके वजन में कटौती कर दी। 10 से 20 रुपये की तय कीमतों में आने वाली खाद्य सामग्रियों के रेट बढ़ाने की बजाय कंपनियों ने इनके वजन में कमी कर दी है। इसके पीछे एफएमसीजी कंपनियां बाहर से आयात होने वाले कच्चे माल की कीमतें बढऩे का हवाला दे रही थीं, लेकिन अब भी इन कीमतों में कोई कमी नहीं हुई है।
ये हैं कीमतें:
आइटम अगस्त 2021 अगस्त 2022
आटा 24 रुपये 28 रुपये
चावल 34 42
तुअर दाल 95 113
तेल-रिफाइंड 110 150
शक्कर 36 38
देसी घी 6000 रु. टीन 7600
मैगी 12 व 24 4 व 28
साबुन 85 रुपये/पांच 130 रुपये/पांच
ब्रेड 40 रुपये 45 रुपये