वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह सचिव, कैबिनेट सचिव और कोविड टास्क फोर्स के उच्चाधिकारी मौजूद रहे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट के चलते पैदा हुए सूरते हाल की समीक्षा हुई।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर चिकित्सा के पर्याप्त बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने मिशन मोड पर किशोरों के लिए वैक्सीनेशन अभियान को और तेज करने का निर्देश दिया। पीएमओ की ओर से जारी बयान के मुताबिक पीएम मोदी ने निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण के उच्च मामलों की रिपोर्ट करने वाले समूहों में गहन नियंत्रण और सक्रिय निगरानी जारी रहनी चाहिए। यही नहीं उच्च मामलों की रिपोर्ट करने वाले राज्यों को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए। पीएम मोदी समय समय पर कोविड-19 के मसले पर बैठक करते रहे हैं। पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को ओमिक्रोन से सतर्क और सावधान रहने को कहा था।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक एक दिन में कोरोना के 1,59,632 नए मामले सामने आए हैं। यह बीते 224 दिन के दौरान आए सर्वाधिक दैनिक मामले हैं। पिछले साल 29 मई को कोरोना के 1,65,553 मामले आए थे। बीते 24 घंटे में संक्रमण से 327 लोगों की मौत हो गई है जिससे महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,83,790 हो गई है। वहीं देश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 5,90,611 हो गई है।
भारतीय विज्ञान संस्थान और भारतीय सांख्यिकी संस्थान के वैज्ञानिकों का आकलन है जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में तीसरी लहर चरम पर होगी। इस दौरान देश में हर रोज कोरोना के 10 लाख तक नए मामले मिल सकते हैं। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र सबसे बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। महाराष्ट्र में हर रोज कोरोना के 1,75,000 मामले मिल सकते हैं। देश के विभिन्न राज्यों में तीसरी लहर का चरम अलग अलग समय पर हो सकता है।