सेना ने राजौरी जिले में आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश नाकाम की
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकवादियों के एक समूह की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया है। रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नौशेरा सेक्टर में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात को संदिग्ध घुसपैठियों के होने का आभास हुआ।
इलाके में तलाश अभियान जारी है। विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिली है। अधिकारियों के अनुसार, संदिग्ध आतंकवादियों के एक समूह ने सीमा पार से अंधेरे की आड़ में नौशेरा के लाम के पुखरनी गांव में घुसने की कोशिश की।
तभी एक आतंकवादी ने बारूदी सुरंग पर पैर रख दिया, जिससे विस्फोट हो गया। आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे सेना के जवानों ने इलाके को घेरकर मंगलवार सुबह तलाशी अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि विस्फोट में किसी आतंकवादी के हताहत होने की तत्काल पुष्टि नहीं हो पाई है।
नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ की यह कोशिश उस समय हुई है, जब सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के एक गाइड को रविवार को घायल हालत में गिरफ्तार कर लिया था। यह व्यक्ति पाकिस्तानी सेना की खुफिया इकाई के लिए भी काम करता था। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के सब्जकोट गांव के निवासी तबारक हुसैन (32) को नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था। उसे छह वर्ष में दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है।
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भारत के साथ ब्रिटेन के रिश्तों को नई ऊंचाई प्रदान कर दोतरफा बनाएंगे : ऋषि सुनक
लंदन। इंग्लैंड में पीएम पद की दौड़ में लिज ट्रस से भारतीय मूल के ऋषि सुनक का सीधा मुकाबला है हालांकि वे फिलहाल पिछड़ गए है। सुनक ने कहा कि वे भारत के साथ ब्रिटेन के रिश्तों को नई ऊंचाई प्रदान करेंगे। साथ ही दोनों देशों के बीच रिश्तों को दो तरफा बनाएंगे। इससे ब्रिटेन के छात्रों और कंपनियों को भारत में फायदा होगा। भारतीय मूल के लोगों के एक कार्यक्रम में ऋषि सुनक ने अपने भाषण की शुरुआत हिंदी में की और कहा, ‘नमस्ते, सलाम और केम छो और किद्दा। आप सब मेरे परिवार हो।’ उन्होंने इस दौरान चीन पर फिर से निशाना साधा।
कंजरवेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में ऋषि सुनक ने ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के लोगों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि भारत और ब्रिटेन का रिश्ता बहुत महत्वपूर्ण है। हम दोनों देशों के बीच एक जीवंत पुल का काम करते हैं।’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि ब्रिटेन के लिए भारत में अपनी चीजों को बेचने और चीजों का करने के लिए मौका है लेकिन वास्तव में हमें रिश्तों को अलग तरीके से देखना होगा क्योंकि हम यहां ब्रिटेन में बहुत सारी चीजों को भारत से सीख सकते हैं।’
ऋषि सुनक ने कहा, ‘मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि यह आसान है कि हमारे छात्र भी भारत की यात्रा पर जाएं और वहां सीखें। यह हमारी कंपनियों और भारतीय कंपनियों के लिए भी आसान है कि वे एक साथ काम करें क्योंकि यह एकतरफा रिश्ता नहीं है। यह दो तरफा रिश्ता है। यह उसी तरह का बदलाव है जिसे मैं रिश्तों में लाना चाहता हूं।’ उन्होंने एक बार फिर से चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि ब्रिटेन को बीजिंग की आक्रामकता से रक्षा करना होगा।
सुनक ने कहा, ‘चीन और उसकी कम्युनिष्ट पार्टी हमारी अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है।’ उन्होंने कहा कि आप लोग किसी संदेह में नहीं रहें। अगर मैं प्रधानमंत्री बना तो मैं आपको, आपके परिवार और हमारे देश को सुरक्षित रखूंगा क्यूंकि कंजरवेटिव प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरी पहली जिम्मेदारी है। इस दौरान वहां मौजूद भारतीयों ने सुनक को जीत का आशीर्वाद दिया। ऋषि सुनक इस समय लिज ट्रस से पीएम पद की दौड़ में पीछे चल रहे हैं लेकिन वह हार नहीं मान रहे हैं और लगातार मुकाबले में डटे हुए हैं।
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एलोपैथी के खिलाफ बयानबाजी से बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ी, शीर्ष कोर्ट ने जवाब किया तलब
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा आ जाते हैं अब उन्होंने एलोपैथी और डॉक्टर पर खिलाफ बयानबाजी के चलते वे घिरते नजर आ रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले में रामदेव से सवाल किए हैं। साथ ही उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा गया है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी एलोपैथी के खिलाफ बोलकर लोगों को गुमराह नहीं करने की सलाह दी थी।
मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए याचिका पर शीर्ष न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद और केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने एलोपैथी को बदनाम करते हुए विज्ञापन दिखाने पर सफाई मांगी है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने मौखिक तौर पर कहा, ‘बाबा अपने सिस्टम को लोकप्रिय बना सकते हैं, लेकिन अन्य की आलोचना क्यों करना। हम उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया है। लेकिन उन्होंने अन्य व्यवस्थाओं के बारे में गलत कहने से बचना चाहिए।’
सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने सवाल किया, ‘इस बात की क्या गारंटी है कि जिसका वह (बाबा रामदेव) पालन करते हैं, वह सब कुछ ठीक कर देगा।’ याचिका में आईएमए ने मॉडर्न मेडिसिन के खिलाफ जारी अभियान को नियंत्रित करने की मांग की थी। बाबा रामदेव ने अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन को लेकर कहा था कि वह वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोनावायरस संक्रमण का शिकार हो गए।
साथ ही उन्होंने इसे मेडिकल साइंस की असफलता भी बताया था। इसपर जस्टिस अनूप जयराम ने कहा था, ‘पहले कि मैं इस बात से चिंतित हूं कि आयुर्वेद का अच्छा नाम खराब हो रहा है। मैं इसे लेकर चिंतित हूं। आयुर्वेद प्राचीन चिकित्सा का तरीका है। आयुर्वेद का नाम खराब करने के लिए कुछ भी न करें।’
उन्होंने कहा था, ‘दूसरा यहां लोगों के नाम लिए जा रहे हैं। इससे हमारे संबंधों, देश के संबंधों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय परिणाम हो सकते हैं।।। नेताओं का नाम लिया जा रहा है, जो विदेशी राष्ट्रों के साथ हमारे रिश्तों को प्रभावित कर सकते हैं।’ कई डॉक्टर एसोसिएशन ने एलोपैथी के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।