सिंधिया के आने के पहले ही साेमवार काे इंदाैर में राजनीति गरमा गई। निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली के विरोध में कांग्रेस ने सुबह-सुबह ही विधानसभा -2 में खोला मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस ने विस क्षेत्र के सभी 18 वार्डाें में सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया। अभियान के माध्यम से कांग्रेसियों ने सरकार से निजी स्कूलों द्वारा बच्चों से फीस वसूली रोकने की मांग की।
बिना अनुमति के सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने की सूचना पर पुलिस हरकत में आई और कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर अस्थाई जेल ले गई। ऐसा कहा जा रहा है कि इस अभियान के बाद ही कांग्रेसियों ने सिंधिया को काले झंडे दिखाने की योजना बनाई थी। चिंटू चौकसे का कहना था कि कुंभकरण सरकार और रावण रूपी मुख्यमंत्री द्वारा बच्चों की फीस में अभी तक कोई रियायत नहीं दी गई है। लंबे समय से कोरोनावायरस के चलते सभी को आजीविका चलाने में दिक्कत हो रही है। चौकसे ने कहा कि इंदौर में हजारों बसें बंद पड़ी हैं। इनके 10 हजार कर्मचारी बेरोजगार हैं। सरकार इनके बारे में भी कुछ नहीं सोच रही है। सरकार उनका दर्द नहीं बांट रही है। हस्ताक्षर अभियान में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। यह सब सरकार को हम सौंपेंगे। चौकसे ने कहा कि हम मुख्यमंत्री को जगाते हुए कहेंगे कि दो महीने के और हो, इसमें कुछ अच्छा काम कर लो। ईश्वर ने समय दिया है काम कर लो, बाद में किसी काम के नहीं बचोगे
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