क्रिकेट के खेल में कई बार कई निर्णय बेहद करीबी हो जाते हैं. खिलाड़ियों ने इस पर DRS मांगा होता है लेकिन उलझनभरी स्थिति में मैदानी अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल के साथ साथ ही खेल को आगे बढ़ाना पड़ता है. इससे जो टीम खामियाजा भुगतती है, उसे और उसके प्रशंसकों को पूरे मैच में उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. स्टार और डिजनी इंडिया के खेल प्रमुख संजोग गुप्ता कहते हैं कि अब जल्दी ही इस खेल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) दस्तक देने वाला है. इसकी मदद से इसमें करीबी मामलों में भी फैसले सटीक आने लगेंगे.
स्टार और डिजनी इंडिया के खेल प्रमुख संजोग गुप्ता ने पीटीआई से कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के इस्तेमाल से आने वाले समय में रिप्ले के स्तर में सुधार होगा और अंपायरों के लिये निर्णय लेना आसान हो जाएगा. स्टार की रिसर्च और डेवलपमेंट टीम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की संभावना तलाश रही है, जिसमें सामान्य कैमरों को ‘स्लो मो’ में बदला जा सकेगा.
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गुप्ता ने कहा, ‘अगले 12 महीने में आप देखेंगे कि रिप्ले और उनके आधार पर लिए जाने वाले निर्णय के स्तर में सुधार होगा. बेहतर तकनीक के इस्तेमाल से फैसले सटीक आने लगेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘इसके लिए तकनीक में निवेश जारी रखने और कैमरों की गुणवत्ता का स्तर बेहतर रखने की जरूरत है.’
भारतीय क्रिकेट टीम के घरेलू मैचों, आईसीसी टूर्नामेंटों और आईपीएल के प्रसारण अधिकार स्टार के पास है. फिलहाल क्रिकेट प्रसारण के लिए 24 से 28 सामान्य कैमरों और 5-6 सुपर ‘स्लो मोशन’ कैमरों का इस्तेमाल होता है.
गुप्ता ने यह भी कहा कि यूएई में दर्शकों के बिना हुआ पिछला आईपीएल उनके लिए सबक की तरह रहा. उन्होंने समझा कि आपदा में अवसर कैसे बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘खाली स्टेडियम में कैमरे कहीं भी लगाए जा सकते हैं. इससे कवरेज में काफी बदलाव आ सकता है और अच्छे शॉट्स लिए जा सकते हैं. इससे टीवी दर्शकों को देखने में अच्छा लगेगा.
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