वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त न करना अब पड़ेगा भारी, वसूली शुरू

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
4 Min Read

वाहन मालिकों के घर पहुंचने लगे परिवहन विभाग के नोटिस

भोपाल। उन वाहन मालिकों के लिए बुरी खबर है जिनके वाहन बहुत पुराने हो चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा अब तक उनका रजिस्ट्रेशन अब तक रद्द नहीं कराया गया है। अब ऐसे वाहन मालिकों से प्रदेश का परिवहन विभाग कर  वसूली करने की तैयारी पूरी कर चुका है।
परिवहन विभाग द्वारा ऐसे वाहनों पर 823 करोड़ रुपए का बकाया निकाला गया है। इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं कराने पर उन्हें कर नहीं चुकाने की श्रेणी में माना जाता है। परिवहन विभाग ने फिलहाल कमर्शियल वाहनों के मामले में वसूली करनी शुरू कर दी है। इसके तहत ऐसे वाहन मालिकों को नोटिस देने का काम शुरू हो चुका है। नोटिस में उनसे इस बकाया राशि को जमा कराने के लिए कहा जा रहा है।
इस राशि की वसूली को लेकर परिवहन विभाग द्वारा 10 से 90 फीसदी तक छूट देने और पूरी पेनल्टी माफ करने का ऑफर दिया जा रहा है। अगर भोपाल की बात की जाए तो इस शहर में सामान्य श्रेणी के अभी 18 लाख वाहन है, जबकि इनकी तुलना में कंडम वाहनों की संख्या लगभग एक लाख के करीब है।
यह संख्या करीब छह फीसदी होती है। दरअसल प्रदेश में वाहनों का रजिस्ट्रेशन 20 साल तक ही वैध होता है। कामर्शियल वाहनों को प्रति सीट एवं ट्रिप के हिसाब से टैक्स देना होता है। अधिकांश कामर्शियल वाहनों के मालिक वाहन बहुत पुराने होने के बाद उनका रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं कराते हैं जिसकी वजह से उन पर कर बढ़ता रहता है। लगभग यही हाल सामान्य वाहनों के मामले में भी होता है।

विभाग को ऐसे लगाते हैं चपत
वाहनों के रजिस्ट्रेशन के वक्त कुल कीमत का दस प्रतिशत काउंटर पर जमा कराया जाता है। इसके बाद कमर्शियल वाहनों में डंपर, ट्रक और बसों को प्रति किमी और प्रति सीट के हिसाब से शुल्क की गणना कर परमिट जारी किए जाते हैं।
कमर्शियल वाहन चालकों को ये टैक्स प्रति महीने, तिमाही या फिर सालाना के हिसाब से जमा कराना होता है। व्यवसाय में घाटा और दुर्घटना कारणों के चलते वाहन मालिक नियमित ये टैक्स जमा नहीं कराते जिससे बकाया राशि बढ़ती रहती है।

कितने पुराने वाहनों पर कितनी छूट
परिवहन विभाग ने बकाया जमा कराने के लिए वाहन मालिकों को कुछ रियायत देने का भी प्रावधान किया है। इसमें पांच साल तक के पुराने वाहनों पर 10 प्रतिशत, 6 से 10 साल तक की अवधि पर 20 प्रतिशत, 11 से 15 साल की अवधि के लिए 30 प्रतिशत , 16 साल से अधिक की अवधि पर 90 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके अलावा बकाया राशि पर लगने वाली पेनल्टी की राशि पूरी तरह से माफ रहेगी।
प्रदेश में डेढ़ दशक पुराने वाहनों का आंकड़ा
प्रदेश में 15 साल पुराने वाहनों की संख्या के आंकड़ों को देखें तो कार 88,529, मोपेड 20,162, जीप 20,162,  ट्रैक्टर 74, 794, आटो रिक्शा 46, 999, गुइस ट्रक 72,502, बस 14,813, टैक्सी 1,098 , बाइक 2,08,054 एवं स्कूटरों की संख्या 76,188 है।
बीसीएलएल पर ही है 2 करोड़ का बकाया
बीसीएलएल की 210 लो फ्लोर बसों को विभाग ने यात्री परमिट पर अनुमति जारी की थी। पिछले पांच साल के दौरान ऑपरेटरों ने कमर्शियल टैक्स नहीं चुकाया जिस पर पेनाल्टी के साथ बकाया रकम दो करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है। प्रदेश में ऐसे एक हजार से ज्यादा मामले हैं जिनमें विभाग को 823 करोड़ रुपए की वसूली करनी है।
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।