लाखों-करोड़ों छात्रों को राहत :  दूरस्थ और ऑनलाइन डिग्रियों की मान्यता अब नियमित डिग्रियों के समान – यूजीसी की घोषणा

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने लाखों-करोड़ों छात्रों को बड़ी राहत प्रदान की है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा वाली डिग्रियों की मान्यता अब पारंपरिक यानी नियमित डिग्रियों के समान करने की घोषणा की है। यूजीसी ने इस संबंध में संक्षिप्त अधिसूचना भी जारी कर दी है।

ओडीएल प्रोग्राम रेगुलेशन 22 के तहत फैसला
यूजीसी की ओर से जारी महत्वपूर्ण अधिसूचना में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त संस्थानों से दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से प्राप्त डिग्री को पारंपरिक तरीके से प्रदान की जाने वाली डिग्री के समान ही माना जाएगा। यह निर्णय यूजीसी (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम्स एंड ऑनलाइन प्रोग्राम्स रेगुलेशन 2020) के नियम 22 के अनुसार लिया गया है।

दूरस्थ शिक्षा या ऑनलाइन मोड की डिग्री अब पारंपरिक मोड के समकक्ष
यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कहा कि डिग्री की विशिष्टता पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 2014 की आधिकारिक अधिसूचना के अनुरूप स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर डिग्री, और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा मुक्त और दूरस्थ शिक्षा या ऑनलाइन मोड के माध्यम से प्रदान किए गए स्नातकोत्तर डिप्लोमा, संबंधित डिग्री और स्नातकोत्तर डिप्लोमा के पारंपरिक मोड के माध्यम से पेश किए गए स्नातकोत्तर डिप्लोमा, संबंधित डिग्री और स्नातकोत्तर डिप्लोमा के समकक्ष माने जाएंगे।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।