इंदौर. इन दिनों सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश पुलिस 2013 बैच के उपनिरीक्षकों की यह मार्मिक अपील तेजी से वायरल हो रही है ।
1) कार्यवाहक पदभार देने वाली पदोन्नति नियमावली के अनुसार, शासकीय अधिकारी/कर्मचारी के लिए समयमान/वेतनमान की पात्रता जो की 10 वर्ष है की सेवा की अनिवार्य/आवश्यकता निर्धारित की गई, 2013 बैच के उपनिरीक्षक दिनांक 06/05/23 को अपनी सेवा के 10 वर्ष पूरे कर चुके हैं!
2) कार्यवाहक पदभार दिए जाने हेतू आवश्यक प्रक्रिया पुलिस मुख्यालय मध्यप्रदेश द्वारा पात्र उप निरीक्षकों के सेवा विवरण एवं गोपनीय चरित्रावली भी एकत्रित कर ली गई है!
3) पुलिस विभाग द्वारा बनायी गई नियमावली मे कार्यवाह का पदभार देने वाली प्रक्रिया के अनुसार, हर वर्ष इस प्रक्रिया को दो बार यानी जनवरी एवं जुलाई में निष्पादित किया जाना था लेकिन वर्ष 2023 में उप निरीक्षकों को कार्यवाहक निरीक्षक पद पर पदोन्नत नहीं किया गया है
4) गजट नोटिफिकेशन के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस रेगुलेशन पैरा -72 के अंतर्गत उच्च पद पर कार्यवाहक पदभार दिए जाने पर संबंधित कर्मचारी के वेतन भत्तों में कोई परिवर्तन नहीं होता है कोई भी अन्य आर्थिक लाभ नहीं दिए जाते हैं! जिससे स्पष्ट है कि कार्यवाहक पद पर पदोन्नति दिए जाने पर सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा।
5) आरक्षक पद से भर्ती होने वाले कर्मचारी 15-16 वर्ष की सेवा देकर दो पदोन्नति पाकर ASI पद पर पदस्थ होकर मप्र पुलिस में गर्व से अपनी सेवाएँ दे रहें हैं.. जबकि 10वर्ष से अधिक की सेवा उपरांत भी 2013 बैच उप निरीक्षक पहली पदोन्नति का इंतज़ार कर रहे हैं.. पदोन्नति में देरी की स्थिति से बैच के समस्त उप निरीक्षकों और उनके परिजनों के मनोबल पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है।
6) मार्च 2023 की स्थिति में निरीक्षकों के 278 रिक्त पद हैं,। उप-निरीक्षकों को निरीक्षक के पद पर पदोन्नत करने से न केवल सहायक उप-निरीक्षकों को पदोन्नत होने के अवसर प्रदान करेगा बल्कि सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने वाले नए उप-निरीक्षकों के लिए अतिरिक्त अवसर भी पैदा होंगे। पदोन्नति और नई भर्ती की यह श्रृंखला कार्यबल को बनाए रखने और उप-निरीक्षक बनने की इच्छा रखने वाले बेरोजगार युवाओं को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
7) हमें विश्वास है कि हमारी सरकार और हमारी सरकार के मुखिया हमारे साथ न्याय करेंगे इसलिए हमने अपनी सरकार और अपने विभाग से न्याय प्राप्त करने के लिए न्यायालय जाकर अपनी माँग पूरी करवाने की कभी चेष्ठा भी नहीं की।
अतः निवेदन है कि 2013 बैच के उप निरीक्षकों को कार्यवाहक निरीक्षक बनाकर पुलिस परिवार का मनोबल बनाए रखेंगे!