29 सितंबर को क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हार्ट डे, जानें इतिहास और महत्व

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read
World Heart Day poster with map. Vector illustration. EPS10

आज पूरे विश्व में वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जा रहा है. हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य दिल की सेहत के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है. वर्ल्‍ड हार्ट डे को मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 2000 में हुई थी. वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, पहले यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर महीने के अंतिम रविवार को इसे मनाया जाए, लेकिन साल 2014 में इस खास दिन को मनाने के लिए 29 सितंबर की तारीख निश्चित कर दिया गया. बता दें कि सबसे पहले इसे 24 सितंबर 2000 में मनाया गया था.

कोरोना में हार्ट की समस्या

आज कोरोना के दौर में इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है, जब महामारी के बीच लोगों में हार्ट से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. डॉक्‍टर भी इस बात का संकेत दे रहे है कि कोरोना महामारी की वजह से लोगों की सक्रियता में कमी आई है और बड़ी संख्या में लोग हार्ट से जुड़ी बीमारियों की तरफ खिंचे चले आ रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि वे नियमित जांच कराते रहें और तमाम परिस्थितियों के बीच भी बेहतर लाइफ स्‍टाइल का पालन करें.

क्या है इसका महत्व?

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, दिल से जुड़ी बीमारियों की वजह से पूरी दुनिया में हर साल 18. 6 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है. यह दुनियाभर में लोगों की मौत का सबसे बड़ा कारण बन गया है. 35 से ज्यादा उम्र के युवाओं में भी इनएक्टिव लाइफस्टाइल और बैड फूड हैबिट की वजह से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा है. पिछले 5 साल में हार्ट की समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. जिसमें ज्यादातर लोग 30-50 साल आयु वर्ग के पुरुष और महिलाएं हैं.

कैंपेन में किस तरह लें हिस्सा

वर्ल्‍ड हार्ट फेडरेशन इस साल कैंपेन चला रही है कि लोग, परिवार, समाज, सरकार सभी इस कैंपेन से जुड़ें और खुद और दूसरों को अपने हार्ट को बेहतर बनाए रखने के लिए एक्टिविटी में हिस्सा लें. इसमें सभी देश के लोग हिस्सा लें और सीवीसी यानी कार्डियोवैस्कुलर डिसीज को कंट्रोल करने का अभियान चलाएं. इसके लिए लोग पोस्टर बना सकते हैं और अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर कर सकते हैं. फेडरेशन का कहना है कि अगर लोग रिस्क फैक्टर यानी तंबाकू सेवन, अनहेल्दी डाइट, निष्क्रिय जीवन से बाहर निकलकर बेहतर जीवन जीते हैं तो 80 प्रतिशत प्रीमैच्योर डेथ को रोका जा सकता है.

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।