DAVV Indore: Dr. Renu Jain फ़िर बनी कुलपति, पहली स्थायी महिला कुलपति होंगी |

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राजभवन ने सोमवार देर शाम डॉ. रेणु जैन को देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी का कुलपति नियुक्त कर दिया। पिछले साल नवंबर में ही यूनिवर्सिटी को नेक की ए प्लस ग्रेड दिलवाने का फ़ायदा उन्हें मिला। 26 सितंबर को ही राजभवन में कुलपति चयन कमेटी ने 20 दावेदारों के इंटरव्यू लिए थे। डॉ. जैन कोरोना पॉजिटिव होने के कारण भोपाल नहीं जा पाईं, लेकिन उन्होंने ऑनलाइन इंटरव्यू दिया था। इसी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि उन्हें दोबारा कुलपति बनाया जा सकता है। दरअसल,पिछले साल तत्कालीन सरकार ने 24 जून को धारा – 52 लगाकर डॉ. नरेंद्र धाकड़ को कुलपति पद से हटा दिया था। उसके 32 दिन बाद 26 जुलाई को राजभवन ने ग्वालियर यूनिवर्सिटी की मैथ्स विभाग की हेड डॉ. रेणु जैन को कुलपति नियुक्त किया था। 1964 में शुरू हुई यूनिवर्सिटी की वे पहली महिला कुलपति बनी थीं, लेकिन अब वे पहली महिला स्थायी कुलपति बन गई हैं।

कुलपति पद की दौड़ में इंदौर से कई मजबूत दावेदार थे, लेकिन आख़िर में डॉ. जैन को दोबारा अवसर मिला। उनका कार्यकाल चार साल का रहेगा। 2019 में 32 दिन बाद ऐसे हुई थी डॉ. जैन की नियुक्त 24 जून : शासन ने 23 जून को हुई सीईटी की विफलता का हवाला देकर धारा 52 लगाकर प्रो. नरेंद्र धाकड़ को कुलपति पद से बर्खास्त कर दिया। 30 जून : उच्च शिक्षा विभाग ने प्रो. एसएल गर्ग, प्रो. बीके मेहता और प्रो. जेएस कैलर के नामों का पैनल भेजा। कहा कि इनमें से किसी एक को नियुक्त कर दिया जाए, लेकिन कुलाधिपति ने इन नामों को एक तरह से नकार दिया। 3 जुलाई : कुलाधिपति ने फाइल लौटाते हुए अपनी तरफ से प्रो. रेणु जैन, प्रो. राजकुमार आचार्य और प्रो. जसवंत ठाकुर के नामों की पैनल भेज दी। शासन ने फाइल अपने पास ही रोक ली। 10 जुलाई : शासन ने राजभवन को एक पत्र भेजा कि विभाग के आयुक्त को विवि का प्रभारी कुलपति बना दिया जाए। 12 जुलाई : राजभवन ने जवाब भेजा- ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। 18 जुलाई : उज्जैन यूनिवर्सिटी के मामले में हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ का फैसला आया और साफ हो गया कि कुलपति की नियुक्ति का अधिकार कुलाधिपति को ही है। 24 जुलाई : राजभवन ने शासन से फाइल फिर मांगी। शासन ने फाइल भिजवा दी और आखिर 25 जुलाई को नए कुलपति का नाम घोषित हो गया।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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