कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो इसपर काबू नहीं पाया जा सकता। कैंसर से होने वाले नुकसान से वाकिफ होना हर आदमी के लिए जरूरी है। लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर साल 04 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया, ताकि इस भयानक बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके। साल 2006 में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया था। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पूरे विश्व में समस्या का विषय है और इस बीमारी का इलाज पता करने की जिम्मेदारी न केवल डॉक्टरों व वैज्ञानिकों की है बल्कि हममें से हर किसी की है। कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। हर साल इस बीमारी से लगभग 9.6 मिलियन लोग चपेट में आते हैं।
आइए आज हम स्तन कैंसर के बारें में जानते हैं और अन्य लोगों को भी इस भयानक बीमारी के बारें में जागरुक करते हैं।
स्तन कैंसर महिलाओं में तेजी से पनपने वाली बीमारी है, अगर समय रहते इस बीमारी के बारे में जान लिया जाए तो इसके जानलेवा परिणामों से बचा जा सकता है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए आपको जागरूक होकर लक्षणों को पहचानने की जरूरत है। कैंसर के किसी भी लक्षण के दिखने पर उसकी जांच तुरंत करवाए जाने की ज़रूरत है। अगर थोड़ी सी सतर्कता बरती जाए तो कैंसर के लक्षणों को भी आसानी से पहचाना जा सकता है।
स्तन कैंसर के लक्षण:
आमतौर पर शरीर के किसी भी भाग पर उतकों में असामान्य रूप से गांठ बनना या उभार आना कैंसर हो सकता है। कोशिकाओं का असामान्य तौर पर वृद्धि करना और अनियत्रित रूप से विभाजित होने से कैंसर होता है।
कैंसर का इलाज:
कैंसर का पता बायोप्सी नामक टेस्ट से पता चलता है। कैंसर का पता लगाने के बाद सबसे पहले जो ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है वो है कीमोथेरेपी। कीमोथेरेपी कैंसर के असर को कम करने के लिए दी जाती है। उदाहरण के लिए अगर कैंसर चौथी स्टेज पर हो तो यह थेरेपी इसे दूसरी स्टेज पर ले आती है। यह थेरेपी हर तरह के कैंसर में नहीं दी जा सकती। इसी तरह रेडियो थेरेपी शरीर में कैंसर के ऊतकों को कम करने के लिए दी जाती है।
कैंसर अब लाइलाज नहीं हैं। इसका इलाज भी किया जा सकता है। इस बीमारी से डरना नहीं है बल्कि इसका हिम्मत से सामना करने की जरूरत है।
कैंसर पर काबू पाने के लिए इन सुझावों को अपनाएं:
- जांच होने के बाद कैंसर के उपचार का पहला अवसर ही सर्वश्रेष्ठ अवसर है। इस अवसर को गँवाना जानलेवा हो सकता है।
- कैंसर का इलाज दूर जा कर नहीं कराएं बल्कि आस-पास के किसी अस्पताल में ही कराएं। इस तरह के मरीज की तबियत कभी भी बिगड़ती सकती है इसलिए डॉक्टर के पास आना-जाना आसान होगा।
- गैर जरूरी और व्यक्ति की सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा नहीं करें।
- बॉयोप्सी कैंसर को फैलाता नहीं है ये सिर्फ एक जांच है। इस गलत धारणा के कारण बहुत से लोग अपना मर्ज बढ़ा लेते हैं। बॉयोप्सी से ही कैंसर का उपचार करने का रास्ता मिलता है।
- कैंसर विशेषज्ञ से रोग की वार्षिक जांच कराते रहने से रोग की प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाता है। शुरूआती दौर में कैंसर का पता चलता है तो उसके ठीक होने के ज्यादा चांस होते हैं।
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