इंदौर में पेट्रोल का शतक हुआ, महंगाई से जनता बेहाल

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sadbhawnapaati
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पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक होने के कारण आम आदमी के ईंधन बजट पर 20 प्रतिशत का अधिक बोझ आ गया है। पिछले एक साल में यह बोझ कछुआ चाल से बढ़ता गया। एक साल में पेट्रोल की कीमत में 23 रुपये प्रति लीटर से अधिक की बढ़ोतरी हो गई। इस बढ़ोतरी से आम नौकरीपेशा, छोटे दुकानदार और व्यवसायियों पर खासा असर पड़ेगा जो एक-आध लीटर पेट्रोल डलवाकर अपना कारोबार या घर के जरूरी काम कर लिया करते थे।

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इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्रसिंह वासु का कहना है कि जनता कर्फ्यू के कारण पहले ही पेट्रोल और डीजल की बिक्री कम थी। कीमतें बढ़ने से और असर पड़ेगा। इंदौर जिले में फिलहाल पेट्रोल की बिक्री 70 प्रतिशत गिर चुकी है। सिर्फ 30 प्रतिशत ही बिक्री हो रही है। सामान्य दिनों में इंदौर जिले में हर दिन छह लाख लीटर पेट्रोल और 10 लाख लीटर डीजल की बिक्री होती थी, लेकिन यह काफी घट चुकी है। फेडरेशन आफ मध्यप्रदेश पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पारस जैन का कहना है कि पेट्रोल के रेट इस साल 89 रुपये से ऊपर कभी नहीं गए थे। यह पहली बार हुआ जब 90 की सीमा को पारकर यह धीरे-धीरे 100 रुपये को भी लांघ गया। यह बढ़ी हुई कीमत आम आदमी के ईंधन के बजट को 20 प्रतिशत बढ़ा देगी। जो उपभोक्ता एक महीने में एक हजार रुपये का पेट्रोल डलवाते थे, उनको अब 1200 रुपये लगेंगे और जो दो हजार रुपये ईंधन पर खर्च करते थे, उनको लगभग 2400 रुपये खर्च करना पड़ेंगे।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।