मध्य प्रदेश में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक ट्रांसफर पर बैन को हटाया गया था। हालांकि ट्रांसफर की अवधि को बढ़ाकर 5 अगस्त कर दिया गया है। इसी बीच अभी तक अधिकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर की लिस्ट सामने नहीं आई है। जबकि इस मामले में मंत्री सांसद और विधायकों के नाम पर ट्रांसफर के फर्जीवाड़े का खुलासा बड़े स्तर पर हो रहा है
दरअसल राजधानी भोपाल के सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत तीन सांसद और विधायक की अनुशंसा पर ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट सीएम हाउस पहुंच गई है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी गंभीर हो गए हैं और इस मामले में कई बार चिंता जता चुके हैं।
दरअसल फर्जी नोटशीट के सीएम हाउस पहुंचने के बाद इस पर संदेश होने पर संबंधित सांसद और विधायकों से इस मामले में चर्चा की गई। जहां मामले का खुलासा हुआ है। वही मामले के खुलासे होते ही सीएम हाउस ने फर्जी नोटशीट से भोपाल क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
भोपाल क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि गुरुवार देर रात तक इस मामले में FIR दर्ज नहीं की। गई है। ज्ञात हो कि भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत तीन सांसद और विधायक की अनुशंसा से पहले उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और नगरीय एवं प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के नाम पर वसूली किए जाने का मामला सामने आ चुका है।
क्राइम ब्रांच की माने तो सीएम हाउस से धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत मिली है। जहां राजस्व विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग सहित स्वास्थ्य विभाग के 12 कर्मचारी के ट्रांसफर के Notesheet भेजी गई है। अब इस मामले में महेंद्र सिंह सोलंकी, सिलवानी विधायक रामपाल सिंह, रोडमल नागर और प्रज्ञा ठाकुर के नाम ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट अनुशंसा पर सीएम हाउस भेजी गई है।
ट्रांसफर कराए जाने के लिए आ रहे फर्जीवाड़े और अधिकारी कर्मचारियों द्वारा लिए जा रहे पैसे को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसको लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सभी अधिकारी कर्मचारियों से आग्रह किया कि वह इस तरह लालच में ना आए और ना ही किसी अधिकारी और किसी अन्य के बहकावे में आकर पैसे का लेनदेन करें। भोपाल क्राइम ब्रांच द्वारा फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है। जल्द इस मामले में आरोपी सामने आएंगे।