अगस्त माह की नीलामी में बिके सिर्फ 30 वीआईपी नंबर, 44 हजार नंबर अब भी पड़े खाली 

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अगस्त माह की नीलामी में बिके सिर्फ 30 वीआईपी नंबर, 44 हजार नंबर अब भी पड़े खाली
इंदौर न्यूज़। अगस्त माह की वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी शनिवार रात 12 बजे खत्म हुई। नई सीरीज नहीं होने से केवल 30 नंबर ही बिक पाए हैं। अधिकारियों के अनुसार माह में दो बार यह बोली आयोजित की जाती है, जिसमें आवेदक अपने पसंदीदा वीआईपी नंबरों के लिए बोली लगाते हैं। यह अगस्त माह की अंतिम बोली थी। हालांकि नई सीरीज नहीं आने से इस बार काफी कम वाहन मालिकों ने बोली लगाई है। किसी भी नंबर पर दो दावेदार नहीं थे, जिससे सभी नंबर बेस प्राइज पर ही बिक गए। अब इनके विजेताओं को विभाग एक अधिकार पत्र दे देगा, जिससे ये लोग 60 दिनों में इस नंबर पर गाड़ी पंजीकृत करवा लेंगे। अगर 60 दिन में ऐसा नहीं होता है, तो विभाग नंबर सीज कर लेगा। गौरतलब है कि इंदौर में ही 44 हजार से अधिक वीआईपी नंबर खाली है, जिसके लिए खरीदार सामने नहीं आ रहे हैं। विभाग बीते कई साल से इन्हें बेचने की योजना बना रहा है, पर शासन से अनुमति नहीं मिल रही है। अगर इन नंबरों को बिना नीलामी के एक निर्धारित शुल्क लेकर डीलरों के माध्यम से ही बेच दिया जाए, तो सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व मिल सकता है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।