ट्विटर को ज्यादा संवेदनशील होना चाहिए
चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच एथिस्ट रिपब्लिक यूजर नेम द्वारा मां काली पर की गई पोस्ट के संबंध में सुनवाई कर रही थी। बेंच ने ट्विटर को निर्देश दिया कि कैसे वह बताएं कि कैसे कुछ लोगों को यहां पर ब्लॉक कर दिया गया है।
जबकि कुछ मामलों में दूसरे धर्म को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री होने के बावजूद एक्शन नहीं लिया गया। कोर्ट टि्वटर को और ज्यादा सावधान और संवेदनशील होने के लिए कहा।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक जब अमेरिकी कंपनी ने दलील दी कि यूजर्स यहां पर किसी भी तरह की पोस्ट कर सकते हैं।
वह सभी अकाउंट्स को ब्लॉक नहीं कर सकती है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि फिर आपने ट्रंप का अकाउंट कैसे ब्लॉक कर दिया?
कोर्ट ने दिए ये निर्देश
कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्विटर का यह स्टैंड और यह कहना कि वह अकाउंट ब्लॉक नहीं कर सकता, पूरी तरह से ठीक नहीं है। टि्वटर की तरफ से पेश हुए सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि इस मामले में आपत्तिजनक पोस्ट हटाई जा चुकी है।
साथ ही एफआईआर भी दर्ज की गई है। वहीं सरकारी वकील हरीश वैद्यनाथ ने कहा कि जिस अकाउंट के खिलाफ शिकायत मिली है, उसे ब्लॉक करने की प्रक्रिया जारी है।
इसके बाद कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह मौजूदा केस में सामग्री को देखे और तय करें कि क्या आईटी एक्ट के तहत इस अकाउंट को ब्लॉक किया जाना चाहिए। वहीं कोर्ट ने ट्विटर, केंद्रीय सरकार और एथिस्ट रिपब्लिक को मामले में याचिकाकर्ता को जवाब पेश करने का निर्देश भी दिया