अनुसूचित जाति वर्ग के लिए स्व-रोजगार की तीन योजनाओं को मिली स्वीकृति, मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणा पर मात्र 13 दिन में हुआ अमल

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भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत अंबेडकर जयंती पर प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग को स्व-रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध कराने तीन नवीन योजनाओं संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना की घोषणा की गई थी। मात्र 13 दिन में राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणा को अमली जामा पहनाकर मंत्रि-परिषद से स्वीकृत कराया है।
संत रविदास स्व-रोजगार योजना
योजना में विनिर्माण गतिविधियों के लिये एक लाख से 50 लाख रूपये और सेवा/व्यवसाय के लिये एक लाख से 25 लाख रूपये तक की परियोजनाएँ स्वीकृत की जायेंगी। ऋण पर 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जायेगा। बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्ष तक निगम वहन करेगा। इस योजना के लिये परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रूपये से अधिक नहीं होना चाहिए। इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। योजना में 5 वर्ष में 209 करोड़ 40 लाख रूपये का व्यय संभावित है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना
योजना में सभी प्रकार की स्व-रोजगार गतिविधियों के लिये 10 हजार रूपये से एक लाख रूपये तक की परियोजनाएँ स्वीकृत की जायेंगी। ऋण पर 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जायेगा। साथ ही बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 5 वर्ष तक निगम वहन करेगा।
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना
योजना के अंतर्गत विभिन्न लाइन विभागों/निगम/जिला कलेक्टर से प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर अधिकतम 2 करोड़ रूपये तक की परियोजना स्वीकृत हो सकेगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा के आधार पर उक्त राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी। योजना में कम से कम तीन चौथाई लाभार्थी अनुसूचित जाति वर्ग के होना अनिवार्य होगा।तीनों योजनाओं के क्रियान्वयन की नोडल एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।