जवाब दे केंद्र, इन सीटों को क्यों नहीं भरा गया?
जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान देश में चिकित्सा पेशेवरों की कमी होने के बावजूद इस साल 1,450 स्नातकोत्तर चिकित्सा सीटों के खाली होने पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र से कहा कि आप डॉक्टरों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार और एमसीसी को एक जवाबी हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया।
कोर्ट ने पूछा है कि अतिरिक्त मॉप-अप काउंसलिंग राउंड आयोजित करके इन सीटों को क्यों नहीं भरा गया। अदालत सात डॉक्टरों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नीट-पीजी 2021-22 के लिए अंतिम मॉप-अप काउंसलिंग राउंड सात मई को समाप्त होने के बाद खाली पड़ी 1,456 मेडिकल पीजी सीटों के लिए काउंसलिंग के एक विशेष दौर की मांग की गई थी।
अगर एक भी सीट खाली है, तो उसे भरा जाना चाहिए
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए यह भी चेतावनी दी है कि वह सरकार को डॉक्टरों की जिंदगियों और भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए मुआवजे का आदेश देने पर विचार कर सकती है।
पीठ ने सख्त लहजे में कहा कि हर बार कोर्ट को दखल देना पड़ता है। आप कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों कर रहे हैं? यह डॉक्टरों के भविष्य से जुड़ा गंभीर मामला है। आप उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जबकि हमारे देश में डॉक्टरों की कमी है।