पीजी मेडिकल कोर्सेज में 1450 सीटें खाली रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एमसीसी को लगाई लताड़, कहा – यह डॉक्टर्स के भविष्य से खिलवाड़

sadbhawnapaati
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Education News. नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग के सभी राउंड खत्म होने के बावजूद भी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में इस साल करीब 1450 सीटें खाली हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है।
शीर्ष अदालत ने इसे डॉक्टर्स के भविष्य और उनकी जिंदगियों से खिलवाड़ बताया है। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी से जवाब तलब किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में सरकार और एमसीसी से पूछा है कि सीटें खाली रखने से आपको क्या मिलेगा?

जवाब दे केंद्र, इन सीटों को क्यों नहीं भरा गया?

जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान देश में चिकित्सा पेशेवरों की कमी होने के बावजूद इस साल 1,450 स्नातकोत्तर चिकित्सा सीटों के खाली होने पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र से कहा कि आप डॉक्टरों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार और एमसीसी को एक जवाबी हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया।

कोर्ट ने पूछा है कि अतिरिक्त मॉप-अप काउंसलिंग राउंड आयोजित करके इन सीटों को क्यों नहीं भरा गया। अदालत सात डॉक्टरों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नीट-पीजी 2021-22 के लिए अंतिम मॉप-अप काउंसलिंग राउंड सात मई को समाप्त होने के बाद खाली पड़ी 1,456 मेडिकल पीजी सीटों के लिए काउंसलिंग के एक विशेष दौर की मांग की गई थी।

अगर एक भी सीट खाली है, तो उसे भरा जाना चाहिए

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए यह भी चेतावनी दी है कि वह सरकार को डॉक्टरों की जिंदगियों और भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए मुआवजे का आदेश देने पर विचार कर सकती है।

पीठ ने कहा कि अगर एक भी सीट खाली है, तो उसे भरा जाना चाहिए और बर्बाद नहीं होने दिया जाना चाहिए … अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो हम आपके खिलाफ डॉक्टरों के जीवन और उनके भविष्य के साथ खेलने के लिए मुआवजे का आदेश देंगे।
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार की ओर से सुनवाई पर प्रतिनिधित्व नहीं होने पर भी नाराजगी जाहिर की।
पीठ ने कहा कि  जब आपको इतने डॉक्टरों और परम  विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी तो सीटें खाली रखने से आपको क्या मिलेगा?
पीठ ने कहा कि आपको एक और मॉप-अप राउंड आयोजित करना चाहिए था। क्या आपके द्वारा कोई जिम्मेदारी महसूस की गई है?

पीठ ने सख्त लहजे में कहा कि हर बार कोर्ट को दखल देना पड़ता है। आप कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों कर रहे हैं? यह डॉक्टरों के भविष्य से जुड़ा गंभीर मामला है। आप उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जबकि हमारे देश में डॉक्टरों की कमी है।

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