देश के शिक्षण संस्थानों को निर्देश – कोरोना के दौरान ली गई हॉस्टल और मेस फीस जल्द वापस करें : यूजीसी

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Education News. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कोरोना काल के दौरान हॉस्टल और मेस फीस वापस नहीं करने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया कि कोरोना के दौरान ली गई हॉस्टल और मेस फीस को जल्द से जल्द वापस करें या फिर मौजूदा फीस में उसे समायोजित करें।

यूजीसी ने कहा कि यदि कोई संस्थान निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने मंगलवार को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और राज्यों को पत्र लिखा। इसमें उल्लेख किया कि 27 मई, 2020 और 17 दिसंबर, 2020 को इस संबंध में पहले आयोग ने विश्वविद्यालयों और संस्थानों को पत्र लिखा था।

छात्रों ने यूजीसी से की थी शिकायत

छात्रों ने यूजीसी को शिकायत दी है कि उच्च शिक्षण संस्थानों ने कोरोना के दौरान हॉस्टल और मेस फीस ली, जबकि उस समय शिक्षण संस्थान बंद थे और वे घरों में थे। ऐसे में जब वे हॉस्टल में रुके नहीं और मेस में खाना ही नहीं खाया तो उनकी फीस वापस की जानी चाहिए। छात्रों ने अपनी शिकायत में कहा कि शिक्षण संस्थान उनकी फीस को वापस नहीं कर रहे हैं। इसके बाद यूजीसी ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश जारी किया।

 

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।